'शेख हसीना को लौटाए भारत...', बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने की मांग, उठाया ये कदम
World Latest News: बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार ने भारत से अपनी पूर्व पीएम शेख हसीना को लौटाने की डिमांड की है। शेख हसीना को ढाका वापस भेजे जाने को लेकर एक Note Verbal (राजनयिक संदेश) भेजा गया है। मामले में बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन का बयान भी सामने आया है। डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने अपने कार्यालय में सोमवार को कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश ने संदेश भेजा है। जिसमें शेख हसीना को वापस लौटाने की मांग की गई है। बांग्लादेश न्यायिक प्रकिया चलाने को लेकर उनकी वापसी चाह रहा है।
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ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले बांग्लादेश के गृह सलाहकार जहांगीर आलम की टिप्पणी सामने आई थी। उन्होंने पुष्टि की थी कि प्रत्यर्पण की कार्रवाई के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। अभी प्रक्रिया चल रही है। नई दिल्ली और ढाका के बीच प्रत्यर्पण संधि है। जिसके तहत अब शेख हसीना को लौटाने की डिमांड की गई है। बांग्लादेश सरकार ने बीते माह कहा था कि छात्र आंदोलन के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी। इसको लेकर शेख हसीना के खिलाफ केस चलाया जाना है। इसके लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इंटरपोल की मदद भी लेगी।
अरेस्ट वारंट हो चुके जारी
बांग्लादेशी सरकार में कानूनी मामलों के जानकार आसिफ नजरुल का बयान भी सामने आया था। उन्होंने कहा था कि इंटरपोल के जरिए हसीना के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होगा। फासीवादी लोग चाहे कहीं भी छिपे हों, उनको वापस लाकर कोर्ट में हिंसा के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा। कोर्ट ने हसीना और 45 अन्य के खिलाफ अक्टूबर माह में अरेस्ट वारंट भी जारी किए थे। इन लोगों में हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय और कई पूर्व कैबिनेट मंत्री शामिल हैं।
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अगस्त में बांग्लादेश के हालात बिगड़ गए थे। छात्र आंदोलन के चलते हसीना ने 5 अगस्त को भागकर भारत में शरण ले ली थी। अंतरिम सरकार के आंकड़ों के मुताबिक हिंसा में लगभग 753 लोग मारे गए थे। घायलों की संख्या भी हजारों में बताई गई थी। शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद उनकी पार्टी के नेताओं पर नरसंहार और हिंसा के लगभग 60 केस दर्ज किए गए हैं। हसीना के खिलाफ लगभग 225 केस दर्ज हैं, जिनमें 194 मर्डर, 16 नरसंहार, 3 अपहरण और 11 हत्या प्रयास के हैं।
आरक्षण को लेकर भड़की थी हिंसा
हसीना के खिलाफ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की रैली में भी हमला करवाने के आरोप हैं। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसा भड़की थी। बांग्लादेश में नौकरियों में 56 फीसदी आरक्षण था। जिसके खिलाफ युवाओं ने प्रदर्शन किया था। सरकार ने आरक्षण खत्म करने का ऐलान कर दिया था। लेकिन इस साल 5 जून को फिर से हाई कोर्ट के आदेशों पर पुरानी व्यवस्था लागू की गई थी। फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई थी।