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चीन को एक और बड़ा झटका, ट्रंप के दबाव में आया पनामा, इस मेगा प्रोजेक्ट से हटा पीछे

Panama Canal Project : डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने ही चीन को बड़ा झटका लगा। ट्रंप के दबाव में पनामा ने चाइना के साथ मेगा प्रोजेक्ट को तोड़ने का फैसला लिया। पनामा नहर को लेकर चीन की योजना बेल्ट एंड रोड (BRI) को खत्म किया जा सकता है।
09:54 AM Feb 03, 2025 IST | Deepak Pandey
चीन को एक और बड़ा झटका  ट्रंप के दबाव में आया पनामा  इस मेगा प्रोजेक्ट से हटा पीछे
चीन को एक और बड़ा झटका।

Panama Canal Project : डोनाल्ड ट्रंप के यूएस राष्ट्रपति बनने के बाद दुनिया में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका ने चीन, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों पर भारी भरकम टैरिफ लगा दिया। अब पनामा नहर को लेकर चीन को बड़ा झटका दिया। ट्रंप के दबाव में पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने कहा कि वे चीन की योजना बेल्ट एंड रोड (BRI) को रिन्यू नहीं करेंगे।

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अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो रविवार को पनामा दौरे पर पहुंचे, जहां उनकी पनामा के राष्ट्रपति राउल मुलिनो से पनामा नहर पर चर्चा हुई। इस दौरान रुबियो ने कहा कि पनामा नहर पर चीन की उपस्थिति और प्रभाव को कम करने के लिए पनामा को तत्काल परिवर्तन चाहिए, अन्यथा यूएस अपने अधिकारियों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगा। इसे लेकर अब पनामा के राष्ट्रपति मुलिनो का भी बड़ा आया है।

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पनामा ने चीन को दिया झटका

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राष्ट्रपति राउल मुलिनो ने कहा कि पनामा चीन के साथ बेल्ट एंड रोड समझौते को रिव्यू नहीं करेगा और उन्होंने कहा कि यह समझौता समय से पहले ही समाप्त हो सकता है। चीन-पनामा के बीच साल 2017 में समझौता हुआ था। पनामा अमेरिका के साथ नए निवेशों पर काम करना चाहेगा, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी शामिल हैं। मुलिनो ने कहा कि उन्हें लगता है कि रुबियो की यात्रा नए संबंध बनाने के लिए द्वार खोलेगी। पनामा में जितना संभव हो सके, उतना अमेरिकी निवेश बढ़ाने की कोशिश करेगी।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

मुलिनो की टिप्पणी के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि रुबियो ने पनामा के राष्ट्रपति से कहा कि पनामा नहर पर चीन के 'नियंत्रण' को लेकर चिंताओं का मतलब यह हो सकता है कि अमेरिका को नहर की तटस्थता और संचालन पर लंबे समय से चली आ रही संधि के अनुसार अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।

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क्या है 1977 की संधि?

1977 की संधि के तहत अमेरिका ने पनामा के नियंत्रण में नहर को वापस कर दिया। इस समझौते के अनुसार, अगर आंतरिक संघर्ष या किसी विदेशी शक्ति द्वारा नहर के संचालन को बाधित किया जाता है तो अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है। डोनाल्ड ट्रंप की बार-बार और सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई इच्छा है कि अमेरिका इस प्रमुख जलमार्ग पर फिर से नियंत्रण प्राप्त कर ले।

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