इस देश ने बनाया अनोखा नया ब्रिज, इतना बड़ा कि एक बार में तोड़ दिए कई वर्ल्ड रिकॉर्ड!
Bridge Breaks World Records : हमारे पड़ोसी देश चीन में बने एक ब्रिज के बारे में दावा किया जा रहा है कि इसने कई विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सात साल चले निर्माण कार्य के बाद यहां के गुआंगडोंग प्रांत में पिछले महीने इस मेगा प्रोजेक्ट का आधिकारिक उद्घाटन किया गया था। इस पूरे प्रोजेक्ट में 2 ब्रिज, 2 आर्टिफिशियल आईलैंड और एक अंडरवॉटर टनल है। इस ब्रिज का नाम शेंझेन-झोनशान लिंक (Shenzhen-Zhoshan Link) है। यह शेंझेन एयरपोर्ट इंटरचेंज से शुरू होता है और झोनशान में मानशान आईलैंड तक जाता है। चाइना ग्लोबल टेलिविजन नेटवर्क के मुताबिक इसकी लंबाई 24 किलोमीटर है।
1. शेंझेन-झोनशान लिंक ब्रिज को दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा ब्रिज कहा जा रहा है जिसमें सबसे लंबी टू-वे ट्यूब टनल है। पानी के अंदर इस टनल में कुल मिलाकर इसपर 8 लेन हैं। इनमें से 4 लेन एक दिशा में और बाकी 4 दूसरी दिशा में जाती हैं। इस ट्यूब टनल की लंबाई 5035 मीटर है जिसमें 32 ट्यूब सेक्शन और 1 फाइनल जॉइंट है।
2. स्टील के शेल वाली कंक्रीट से बनी ट्यूब टनल पानी के नीचे है। इसमें 165 मीटर की स्टैंडर्ट ट्यूब सेक्शन है जिसकी चौड़ाई 46 मीटर और ऊंचाई 10.6 मीटर है। इस टनल के बारे में बताया जा रहा है कि सेफ ऑपरेशन के लिए इसमें 14 रोबोट हैं जो कहीं आग लगने जैसी स्थिति का पता लगाने और उसे नियंत्रित करने का काम करेंगे।
3. समुद्र पर बने पुलों में इस पुल का पानी से ऊपर का नेविगेशन सबसे ज्यादा है। यानी अगर कोई बोट इस पुल के नीचे से निकलना चाहती है तो उसे कोई दिक्कत नहीं होगी इसके साथ ही इस अनोखे पुल ने शेंझेन एयरपोर्ट इंटरचेंज से आईलैंड की दूरी तय करने में लगने वाले समय को काफी कम करते हुए 2 घंटे से 30 मिनट कर दिया है।
4. इस पुल की ट्यूब टनल के फाइनल जॉइंट में दुनिया का सबसे चौड़ा फोल्डेबल M आकार के वॉटर स्टॉप लगाया गया है। इसकी चौड़ाई 3 मीटर बताई जा रही है। इसके साथ ही इस पुल का विंड रेजिस्टेंट टेस्ट भी दुनिया में सबसे ज्यादा बताया जा रहा है। इसकी मैक्सिमम फ्लटर टेस्ट विंड स्पीड 83.7 मीटर प्रति सेकंड दर्ज की गई है।
5. इस सस्पेंशन ब्रिज के एंकर में इस्तेमाल की गई कंक्रीय का वॉल्यूम 3,44,000 क्यूबिक मीटर बताया जा रहा है, जो दुनिया में सबसे बड़ा है। साथ ही इस पुल का डेक सबसे बड़ा है जो 3,78,800 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। इसकी टनल में सेल्फ-कॉम्पैक्टिंग कंक्रीट का इस्तेमाल हुआ है जो इसकी मजबूती को अलग स्तर पर लेकर जाती है।
ये भी पढ़ें: 1 बार चार्ज पर 10 लाख km चलेगी इलेक्ट्रिक कार! नई बैटरी सॉल्व करेगी सबसे बड़ी दिक्कत
ये भी पढ़ें: 2 करोड़ साल पहले गायब हो गया था धरती का ये हिस्सा! 10 साल की रिसर्च ने खोला बड़ा राज
ये भी पढ़ें: 59 साल पहले तक मंगल पर रहते थे एलियन! फिर सामने आई इन तस्वीरों ने खत्म की उम्मीद