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इस देश में अमीर किराये पर रखते हैं माता-पिता, एक लाख रुपये होती है सैलरी; जानें वजह

World news in Hindi: जुगाड़ के लिए मशहूर एक देश अपने कारनामों के लिए अक्सर चर्चा में रहता है। लोग बच्चे पैदा करने के लिए कोख किराये पर लेते हैं। लेकिन इस देश में बच्चों को पालने के लिए माता-पिता किराये पर लिए जाते हैं। इस अनोखे तरीके की दुनिया में खूब चर्चा हो रही है। आइए विस्तार से इस मामले के बारे में जानते हैं।
03:11 PM Aug 18, 2024 IST | Parmod chaudhary
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China News in Hindi: बच्चों को पालना और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलवाना आसान काम नहीं है। बच्चों के लिए पूरी तरह समर्पित होना पड़ता है। तब जाकर उनका सही विकास हो पाता है और वे अच्छे इंसान बनते हैं। लेकिन आज की भागदौड़ भरी लाइफ में हर कोई बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाता। चीन के अमीर लोग अब अपने बच्चों के लालन-पालन के लिए अनोखे तरीके अपना रहे हैं। अमीर दंपती बच्चों की देखभाल के लिए किराये पर खास लोगों को रख रहे हैं।

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पढ़ाई से लेकर खेल सब इनके जिम्मे

किराये पर रखे लोग सिर्फ बच्चों का ध्यान ही नहीं रखते, बल्कि असली माता-पिता बच्चों का किस प्रकार लालन-पालन चाहते हैं? यह सब इनकी जिम्मेदारी होती है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर खेल, मानसिक विकास और उनकी कसरत आदि सब करवाना इनके जिम्मे होता है। ऐसे माता-पिता को चीन में चाइल्ड कंपेनियन के तौर पर जाना जाता है। ये प्रोफेशनल मम्मी-पापा इस काम के लिए मोटा पैसा वसूलते हैं।

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एक पीएचडी कर चुकी महिला ने इन चाइल्ड कंपेनियन माता-पिता से बातचीत की है। छात्रा के अनुसार हार्वर्ड, कैम्ब्रिज, पेकिंग और सिंघुआ जैसी कई यूनिवर्सिटीज के ग्रेजुएट्स चाइल्ड कंपेनियन बनना चाहते हैं। कुछ लोग इनमें ऐसे हैं, जो पोस्ट ग्रेजुएट्स हैं। ये लोग कई भाषाओं को जानते हैं, जिनकी खेलों में भी अच्छी रुचि है। ये लोग सिर्फ ट्यूटर का ही काम नहीं करते। बल्कि बच्चों को असली माता-पिता फील करवाते हैं। बच्चों से खूब घुलते मिलते हैं। बीमार होने पर बच्चों को डॉक्टर के पास ले जाना, उनके साथ घूमना, फीलिंग्स को समझना और होमवर्क करवाना सब इनके जिम्मे होता है।

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असली माता-पिता तय करते हैं काम के घंटे

इनके काम के घंटे बच्चों के असली माता-पिता तय करते हैं। इन लोगों को भारतीय करेंसी के मुताबिक एक लाख रुपये तक सैलरी मिलती है। इस काम के लिए महिलाओं को प्राथमिकता चीन के अमीर दे रहे हैं। वहीं, कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें बच्चे असली से ज्यादा इन माता-पिता के करीब मिले हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स की राय भी इससे जुदा है। विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों के असली विकास के लिए असली माता-पिता का साथ होना जरूरी होता है। किराये के माता-पिता की वजह से बच्चे अपने असली परिजनों से दूर हो सकते हैं।

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