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भारतीय लड़कियों को न्यूड कॉल करने के लिए मजबूर कर रहे चीनी स्कैमर्स, कंबोडिया में 3 हजार को बनाया गुलाम

Fake Nude Calls Scam News: फेक न्यूड कॉल्स के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। कंबोडिया में चीनी साइबर क्रिमिनल्स का बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। चीनी स्कैमर्स ने बड़ी संख्या में भारतीयों को बंधक बनाया हुआ है। जिनके जरिए ब्लैकमेलिंग का खेल करवाया जा रहा है। इन लोगों में लड़कियों की संख्या अधिक है।
04:05 PM Jul 09, 2024 IST | Parmod chaudhary
कंबोडिया में चीनी फंसा रहे भारतीयों को।
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Fake Calls Scam: फेक न्यूड कॉल्स के बाद ब्लैकमेलिंग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक चौंका देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंबोडिया भेजी गई कईं महिलाओं से चीनी स्कैमर्स ब्लैकमेलिंग का काम करवा रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जबरदस्ती महिलाओं से लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करवाया जा रहा है। चीनी इन महिलाओं से भारत में फेक न्यूड कॉल करवाते हैं। इस पूरे मामले का भंडाफोड़ तेलंगाना के रहने वाले एक शख्स ने किया है। शख्स का नाम मुंशी प्रकाश है, जो खुद चाइनीज फ्रॉड का शिकार बन चुके हैं।

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ऑस्ट्रेलिया में दिया नौकरी का झांसा, बाद में बंधक बनाया

मुंशी मूल रूप से महबूबाबाद के बय्याराम मंडल के रहने वाले हैं। मुंशी सिविल इंजीनियरिंग से बीटेक कर चुके हैं, जो एक आईटी कंपनी में कार्यरत थे। उन्होंने एक जॉब साइट्स पर विदेश में नौकरी के लिए अपनी पोस्ट अपलोड की थी। मुंशी के अनुसार उन्हें एक दिन कंबोडिया के एजेंट विजय ने कॉल कर ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए जॉब ऑफर की। जिसके बाद विजय ने ट्रेवल हिस्ट्री के बहाने उनको मलेशिया के टिकट थमा दिए। मुंशी ने बताया कि वे फ्लाइट के जरिए 12 मार्च को कुआलालंपुर पहुंचे थे। वहां से उनको नोम पेन्ह ले जाया गया था। विजय का एक आदमी उनको मिला, जिसने उनसे 85 हजार अमेरिकी डॉलर ले लिए।

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इसके बाद उस चीनी ने उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और क्रोंग बावेट ले गए। यहां टावरों वाले परिसर में उनको रोका गया, जहां पहले से कई भारतीय मौजूद थे। यहां पर उन लोगों को तेलुगु और अन्य भारतीय भाषाओं में लड़कियों की नकली प्रोफाइल और उनका यूज करने के लिए 10 दिन की ट्रेनिंग दी गई। चीनियों ने एक सप्ताह तक उनको अंधेरे कमरे में बंद कर टॉर्चर किया। वे बीमार हो गए तो उनको बाहर निकाला गया, लेकिन चीनी गलत काम करने का दबाव बनाते रहे। किसी तरह मुंशी ने अपना सेल्फ वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और अपनी चेन्नई में रह रही बहन को भेज दिया। जिसके बाद प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई।

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मुंशी की बहन की जानकारी के बाद प्रशासन ने भारतीय दूतावास को इसके बारे में बताया। जिसके बाद 16 अप्रैल को कंबोडिया की पुलिस ने उनका रेस्क्यू किया। लेकिन चीनी गैंग के फर्जी केस के कारण उनको वहां की जेल में डाला गया। 12 दिन बाद उनके ऊपर लगे आरोप फर्जी पाए गए। जिसके बाद जेल से छूटे और 5 जुलाई को वापस दिल्ली पहुंचे। मुंशी के साथ 9 और भी लोगों की जान बची। मुंशी ने बताया कि अभी भी वहां 3 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। जिनमें लड़कियां भी हैं। सभी लोग आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैं। चीनी जबरदस्ती भारतीयों से फेक न्यूड कॉल करवाते हैं। सभी को धोखे से नौकरी का झांसा देकर लाया गया है। कई लोग दिल्ली, कर्नाटक, मुंबई और दूसरी जगहों से भी हैं। इन लोगों से पैसा छीन पहले क्रिप्टोकरेंसी, फिर अमेरिकी डॉलर में बदला जाता है। बाद में युआन में कन्वर्ट किया जाता है।

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