पेट्रोल में डूबी महिला एक्टिविस्ट, साथियों ने लगाई आग! UN ऑफिस के बाहर मचा भयंकर बवाल
World News: लंदन में 5 अक्टूबर को एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट ने खुद को तेल और गैस में डुबो दिया, जबकि उसके साथियों ने आग लगा दी। ये सारा घटनाक्रम एक प्रोटेस्ट का हिस्सा था, जो पांच अक्टूबर को इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन के दफ्तर के बाहर देखा गया। दरअसल क्लाइमेट एक्टिविस्ट लिक्विड नैचुरल गैस के समुद्र पर पड़ने वाले प्रभाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन दुनिया भर में मैरिटाइम ट्रांसपोर्ट को रेगुलेट करता है।
ओसियन रेबेलियन ग्रुप के सदस्यों ने इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान एक महिला ओशियन गॉडेस (समुद्र की देवी) की वेशभूषा में नजर आई, जिसने खुद के शरीर पर जाल लपेट रखा था। उसके सिर पर एक कटोरा था, जिसमें उसके साथियों ने फेक ब्लैक ऑयल उड़ेल दिया। पूरा फेक ऑयल उसके चेहरे पर फैल गया, ये एक ऐसा सीन था, जिससे लग रहा था कि समुद्र की देवी तेल में डूब रही है। महिला एक्टिविस्ट के साथ मौजूद लोगों ने अपने चेहरे पर गैस मास्क पहन रखा था और पेट्रोल पंप को आग के हवाले करने का सांकेतिक दृश्य पैदा कर रहे थे।
इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन पर लगाया ये आरोप
ये प्रोटेस्ट उस दिन हुआ, जब इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन की मरीन एनवॉयरमेंट प्रोटेक्शन कमिटी समुद्री जहाजों से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती पर चर्चा करने वाली थी। ओशिएन रेबेलियन अभियान के एक्टिविस्टों ने कहा कि एजेंसी जीवाश्म ईंधन उद्योग को मैनिपुलेट कर रही है। एजेंसी कहती है कि महासागर खतरे में हैं और उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं करती है।
एक्स पर किए गए अपने पोस्ट में ओशियन रेबेलियन ने कहा कि महासागर की देवी पोसिडॉन, हमारे समुद्रों की रक्षा के लिए यहां मौजूद हैं! वह एलएनजी को लेकर इंटरनेशनल मैरिटाइम ऑर्गेनाइजेशन के झूठ के खिलाफ उठ खड़ी हुई हैं। हम क्लाइमेट को लेकर ठोस उपाय चाहते हैं।
ओशियन रेबेलियन ने कहा कि एलएनजी से चलने वाले जहाज मीथेन उत्सर्जित करते हैं और यह सागरीय जैविक तंत्र के लिए घातक है।