कंडोम को लेकर चौंकाती है WHO की रिसर्च, 6 साल से नहीं बढ़ा गर्भनिरोधक गोलियों का यूज

WHO Survey on Teens: कंडोम और गर्भ निरोधक गोलियों पर WHO के सर्वे की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। 42 देशों के ढाई लाख लड़के-लड़कियों पर सर्वे हुआ है। आइए जानते हैं कि आखिर रिपोर्ट में ऐसा क्या सामने आया?

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Condom Birth Control Pills Usage Declining: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन एक सर्वे किया है, जिसकी रिपोर्ट अब सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया है कि यूरोपीय देशों में किशोरों में कंडोम और गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल घट रहा है, जो चिंता का विषय है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब एक तिहाई लड़के-लड़कियों ने माना कि पिछली बार संभोग करते समय उन्होंने न तो कंडोम का इस्तेमाल किया और न ही गर्भनिरोधक गोली खाली। साल 2018 से इस प्रवृत्ति में कोई बदलाव भी नहीं हुआ है। इससे असुरक्षित यौन संबंधों के चलते यौन रोगों का खतरा बढ़ने, जनसंख्या बढ़ने और एड्स होने का खतरा बढ़ गया है।

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2014 से 2022 के बीच के आंकड़ों ने चौंकाया

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोपीय और मध्य एशिया के 42 देशों में एक सर्वे कराया था। इन देशों के 15 साल की उम्र के 242000 किशोरों को सर्वे में शामिल किया गया। उनसे पूछे गए सवालों से पताच ला कि जिन लड़कों ने पिछली बार सेक्स करते समय कंडोम का उपयोग किया था, उनका आंकड़ा साल 2014 में 70 प्रतिशत से गिरकर साल 2022 में 61 प्रतिशत रह गया है। वहीं जिन लड़कियों ने कहा कि पिछली बार सेक्स करते समय कंडोम और सेक्स के बाद गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल किया था, उनका आंकड़ा 63 प्रतिशत से घटकर 57 प्रतिशत हो गया है। लगभग एक तिहाई किशोर संभोग करते समय कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते।

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यौन शिक्षा नहीं होने के कारण बढ़ी समस्या

सर्वे के अनुसार, साल 2014 से 2022 के बीच गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग भी अपेक्षाकृत स्थिर रहा। 15 साल की उम्र के 26 प्रतिशत किशोरों ने पिछली बार यौन संबंध बनाने के बाद इन गोलियों का इस्तेमाल किया था। निम्न वर्गीय परिवारों के 33 प्रतिशत किशोरों ने कंडोम या गोली का उपयोग नहीं किया, जबकि उच्च वर्ग के परिवारों के किशोरों का यह आंकड़ा 25 प्रतिशत था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोप निदेशक हैंस क्लूज कहते हैं कि यौन शिक्षा आज भी यूरोप के कई देशों में नहीं दी जा रही। सही समय पर युवाओं को असुरक्षित यौन संबंधों से होने वाले नुकसान न बताए जाने से यौन रोगों और जनसंख्या बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है।

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