लाशों के टुकड़े भेजे थे गठरियों में बांधकर, मारे गए थे करीब 385 किसान-मजदूर, जानें क्या हुआ था 98 साल पहले?
Costa Rica Train Accident Memoir: धार्मिक स्थल के दर्शन करने के लिए निकले थे किसान और मजदूर, लेकिन रास्ते में हादसे का शिकार हो गए। 385 लोग मारे गए थे। लाशों के टुकड़े तक हो गए थे, जो गठरियों में बांधकर बैलगाड़ियों पर लादकर घरों तक भिजवाए गए थे। मंजर इतना खौफनाक था कि देखने वालों की चीखें निकल गई थीं। हादसाा आज से 98 साल पहले 14 मार्च 1926 को हुआ था।
सेंट्रल अमेरिका के कोस्टा रिका में संत ला नीग्रिटा (La Negrita) के घर हुए धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए किसानों और मजदूरों ने स्पेशल ट्रेन बुक कराई थी, लेकिन यह ट्रेन इतनी ओवरलोड हो गई थी कि एक मोड़ काटते ही ट्रेन 190 फीट नीचे विरिल्ला नदी में गिर गई। हादसे में करीब 385 लोग मारे गए थे और 93 लोग घायल हुए थे। हादसे का कारण ही ओवरलोडिंग को बताया गया था।
मोड़ काटते समय आखिर डिब्बा पटरी से उतरा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 6 कोच वाली ट्रेन एलाजुएला (Alajuela) से सवारियों को लेकर कार्टेगो में धार्मिक तीर्थयात्रा के लिए निकली थी। यह सोचे बिना कि 6 कोच में कितने लोग बैठ सकते हैं, अनलिमिटेड टिकटें बेची गईं। सुबह 7 बजे ट्रेन निकली, लेकिन ट्रेन के कोच भरने पर लोग छत पर चढ़कर बैठ गए। खिड़कियों में लटक गए, जिससे ट्रेन ओवरलोड हो गई।
करीब 8:20 पर ट्रेन पुल पर पहुंची तो बाएं हाथ में मोड़ काटते ही ट्रेन का बैलेंस बिगड़ गया। ट्रेन का आखिरी डिब्बा पटरी से उतर कर लटक गया। इस डिब्बे ने ट्रेन के बाकी कोच भी खींच लिए और पूरी ट्रेन पुल से 58 मीटर नीचे नदी में गिर गई। बचाव अभियान चलाया गया तो कई लोगों की लाशों के टुकड़े डिब्बों के नीचे से मिले। लाशों की पहचान तक नहीं हो पाई थी।
एक हजार लोग भरे, हिलने की जगह तक नहीं थी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा ट्रेन के रवाना होने के बाद एक घंटे के अंदर हो गया था। ट्रेन एक हजार लोगों से खचाखच भरी थी। हिलने तक की जगह नहीं थी। ट्रेन के ऊपर बैठे और खिड़कियों में लटके लोग डिब्बे खिसकते ही छलांग लगाकर नदी में कूद गए थे। उन्हें तैरना आता था तो बचाव हो गया, लेकिन जो लोग अंदर बैठे थे, वे मारे गए। ट्रेन विरिला नदी (Virilla River) पर बने पुल पर पहुंची तो घुमाव आया, लेकिन ट्रेन को मोड़ने में दिक्कत हुई।
पायलट ने वजह जानने के लिए ट्रेन रोकी और नीचे उतरकर देखा तो उसकी हालत खराब हो गई। ट्रेन खतरे के मोड़ पर थी और आगे पहाड़ी थी, जिसके ऊपर से ट्रेन से गुजरना था। ट्रेन एक तरफ झुकी हुई थी, लेकिन चश्मदीदों ने बताया कि जब ट्रेन की बोगियां नीचे गिरी तो लोग खेल-खिलौनों की तरह पुल से नीचे विरिल्ला नदी में गिर रहे थे।