'टेक्नोलॉजी का कोरोना वायरस...' क्राउडस्ट्राइक के क्रैश से ठहर गई दुनिया! इन सवालों के चाहिए जवाब
CrowdStrike Crash Microsoft News: साइबर सिक्योरिटी फर्म क्राउडस्ट्राइक के एक अपडेट की वजह से दुनिया भर के कम्प्यूटर डिब्बा बन गए और हवाई यातायात से लेकर स्टॉक मार्केट तक सब ठप पड़ गए। स्थिति ऐसी थी मानो कोरोना संक्रमण का दौर लौट आया हो। सबकुछ ठप हो गया था। ये बताता है कि डिजिटल जमाने में चंद कंपनियों पर दुनिया भर की निर्भरता का परिणाम क्या हो सकता है। क्राउडस्ट्राइक के सॉफ्टवेयर अपडेट ने माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज सिस्टम को डेड बना दिया। ये समस्या हर उस संस्थान और व्यक्ति को आई जो क्राउडस्ट्राइक का यूजर है और उसने क्राउडस्ट्राइक का सॉफ्टवेयर अपडेट करना चाहा। एक सॉफ्टवेयर की वजह से दुनिया भर में आए ब्रेकडाउन ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। सवाल ये है कि क्लाउड कम्प्यूटिंग के जमाने में डिजिटल वर्ल्ड इकोनॉमी का चुनिंदा इंटरनेट कंपनियों पर निर्भर होना कितना सही है? ये प्लेटफॉर्म जब तकनीकी खामियों का सामना करते हैं, ऐसा लगता है कि पूरी दुनिया ही खत्म हो गई है।
कई देशों में हेल्थकेयर सिस्टम और इंडस्ट्रीज को ब्रेकडाउन को सामना करना पड़ा है। हैकर्स सिस्टम में सेंध लगाते हैं और यूजर्स के साथ कंपनियों को नुकसान होता है। यूएस कंज्यूमर फाइनेंशियल प्रोटेक्शन ब्यूरो के डायरेक्टर रोहित चोपड़ा ने सीएनबीसी नेटवर्क से कहा कि 'दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में ज्यादातर कुछ चुनिंदा क्लाउड कंपनियों पर निर्भर हैं।' क्लाउड कम्प्यूटिंग में कंपनियां, इंटरनेट जॉयंट्स द्वारा उपलब्ध कराए गए सर्वर का इस्तेमाल करती हैं। अमेजन की कंपनी AWS इस मामले में सबसे बड़ी कंपनी है, उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट के अज्यूर और गूगल क्लाउड का नंबर आता है।
19 जुलाई को हुए ब्रेकडाउन के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने क्राउडस्ट्राइक को दोषी ठहराया है। लेकिन इंडस्ट्रीज एक्सपर्ट का मानना है कि समस्या की असली वजह चुनिंदा कंपनियों पर निर्भरता है। साइबर थ्रेट अलायंस के माइकल डेनियल ने कहा कि 'बिजनेस या सिस्टम में टेक्निकल ब्रेकडाउन की समस्या आती रहेगी, क्योंकि ज्यादातर कंपनियां माइक्रोसॉफ्ट पर निर्भर हैं।' साइबर अपग्रेड के सहसंस्थापक एंड्रियस मिन्केविसियस ने कहा कि 'कंपनियों को अपना बिजेनस बड़े इंटरनेट जॉएटंस के भरोसे छोड़ने की संतुष्टि से पार पाना होगा। हमने देखा कि किस तरीके से वेंडर्स के भरोसे रहने वाले लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा। उनके पास कोई प्लान-बी नहीं था। ब्रेकडाउन की वजह से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।'
विशेषज्ञों ने चेताया है कि ब्रेकडाउन की ये घटना नियामक संस्थाओं द्वारा जांच को आमंत्रित करने वाली है। साइबर थ्रेट अलायंस के डेनियल ने कहा कि क्राउडस्ट्राइक को आने वाले दिनों में जांच का सामना करना पड़ सकता है।