200KM तूफानी हवाओं की रफ्तार, भारी बारिश-बाढ़; फ्रांस में 90 साल बाद आई भयंकर आपदा से कितनी तबाही?
Cyclone Chido Latest Update: हिंद महासागर में उठे चक्रवाती तूफान चिडो (Chido) ने फ्रांस में भीषण तबाही मचाई है। इस तूफान ने अफ्रीका के तट से दूर दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर में स्थित मायोट शहर को तबाह कर दिया है, जो फ्रांस का और यूरोपीय संघ का सबसे गरीब इलाका है। चक्रवात चिडो के कारण यहां कोहराम मच गया है।
फ्रांस के सरकारी अधिकारियों ने 1000 से ज्यादा लोगों की मौत होने की बात कही है। हजारों लोगों के बेघर होने की खबर भी है। इलाके में बने घर और इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। पेड़ और खंभे उखड़कर सड़कों पर गिर गए हैं। यह तूफान गत 14 दिसंबर को इलाके से टकराया था और 2 दिन से वहां भारी बारिश होने के साथ भीषण तूफानी हवाएं चल रही हैं। फ्रांस के मौसम विभाग ने इस तूफान को 90 साल बाद आया सबसे भयंकर तूफान बताया है।
124 मील की रफ्तार से चल रही हवाएं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के मौसम विज्ञानियों के अनुसार, चक्रवाती तूफान चिडो हिंद महासागर में फ्रांस के समुद्र तट से टकराया, जिसकी वजह से बहुत भारी बारिश हुई। 200 किलोमीटर प्रति घंटे (124 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं। फ्रांस सरकार ने मयोट में राहत दलों को दवाइयों, पानी, खाद्य पदार्थों के साथ भेज दिया है।
सरकार की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि मायोट में भोजन, पानी और स्वच्छता का संकट पैदा हो गया है। तूफानी हवाओं ने अस्थायी आवासों, सरकारी इमारतों और एक अस्पताल को नुकसान पहुंचाया। चिडो उत्तरी मोजाम्बिक के काबो डेलगाडो और नामपुला प्रांतों से भी टकराया। यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला ने मायोट की हालत को देखते हुए फ्रांस के इस द्वीप की पुनर्स्थापना करने में हरसंभव मदद आर्थिक और शारीरिक मदद करने का आश्वासन दिया है।
मुस्लिम शहर फ्रांस का सबसे गरीब इलाका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मायोट द्वीप फ्रांस की राजधानी पेरिस से लगभग 8000 किलोमीटर दूर स्थित शहर है, जहां समुद्र मार्ग से पहुंचने में 4 दिन लगते हैं। यह शहर फ्रांस के बाकी शहरों की तुलना में काफी गरीब है और दशकों से गृहयुद्ध, हिंसा और सामाजिक अशांति से जूझ रहा है। इस वर्ष के प्रारम्भ में मायोट में जलसंकट पैदा हो गया था।
फ्रांसीसी गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि मृतकों की संख्या के लिहाज से मायोट में मामला जटिल होने वाला है, क्योंकि मायोट एक मुस्लिम शहर है, जहां मृतकों को 24 घंटे के भीतर दफना दिया जाता है, लेकिन वहां अभी तक रेस्क्यू किया जाना है, इसलिए महामारी, बीमारियां और धार्मिक अस्थिरता का खतरा भी पैदा हो रहा है।