दलाई लामा ने चीन को चिढ़ाया, अमेरिका में जन्मे मंगोलियाई लड़के को बनाया तिब्बत का तीसरा धर्मगुरु
नई दिल्ली: तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा ने चीन को झटका देते हुए एक मंगोलियाई लड़के को तिब्बत का तीसरा सबसे बड़ा धर्मगुरु घोषित कर दिया है। दलाई लामा ने 2016 में कुछ साल पहले अपनी मंगोलिया यात्रा के दौरान 8 वर्षीय खलखा जेट्सन धम्पा रिनपोचे के पुनर्जन्म के रूप में स्वीकार किया था।
8 मार्च को धर्मशाला में हुआ था समारोह
10वें खलखा जेटसन धम्पा रिनपोचे नाम के मंगोलियाई लड़के ने मंगोलियाई भक्तों के एक समूह के साथ धर्मशाला का दौरा किया था और इस साल 8-9 मार्च को दलाई लामा की शिक्षाओं और प्रारंभिक चक्रसंवर अभिषेक में भाग लिया था। मंगोलियाई मीडिया के मुताबिक, नए तिब्बती धर्मगुरु मंगोलिया के एक मैथ्स प्रोफेसर के जुड़वा बच्चों में से एक है। इन बच्चों का नाम अगुदाई और अचिल्ताई है। वहीं बच्चे की दादी मंगोलिया में सांसद रह चुकी हैं। बच्चे के धर्मगुरु होने की खबर सामने आते ही मंगोलिया में लोग जश्न मनाने लगे।
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धर्मगुरु बनाने का समारोह 8 मार्च को ही हो गया था, लेकिन इसकी जानकारी अब सामने आई है। समारोह में इसमें 600 मंगोलियाई मौजूद रहे। दलाई लामा ने कहा- हमारे पूर्वजों के चक्रसंवर के कृष्णाचार्य वंश से गहरे रिश्ते थे। इनमें से एक ने मंगोलिया में एक मठ की भी स्थापना की थी। ऐसे में तीसरे धर्मगुरु का मंगोलिया में मिलना काफी शुभ है।
चीन अपना धर्मगुरु बनाना चाहता था
दलाई लामा के फैसले से चीन चिढ़ गया है। चीन तिब्बत पर कब्जा करना चाहता है और चीन अपने लोगों की धर्मगुरु बनाना चाहता था। चीन पहले ही घोषणा कर चुका था अपने लोग को बुद्धिस्ट लीडर्स की मान्यता देगा। इससे पहले भी 1995 में जब दलाई लामा ने दूसरे सबसे बड़े धर्मगुरु पंचेन लामा को चुना था तो चीन के अधिकारियों से उसे जेल में डाल दिया था। दलाई लामा तिब्बत के सबसे बड़े धर्मगुरु हैं। उनका जन्म 1935 में हुआ था। जब वो 2 साल के थे तब उन्हें पिछले दलाई लामा का अवतार कहा गया था। इसके बाद उन्हें 14वें दलाई लामा के रूप में पहचान मिली। तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद 1959 में दलाई लामा वहां से भाग गए थे। तब से वो हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं।