चुनाव 2024खेलipl 2024वीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीipl 2023भारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

मर चुकी महिला की स्किन का अनोखा इस्तेमाल; किताब का कवर बाइंड किया, 90 साल बाद हटाया

Harvard University: हार्वर्ड के एक प्रोफेसर के अनुसार 19वीं सदी में किताब को मानव स्किन से बाइंड करना एक सामान्य बात थी। स्किन को हटाने के बाद अब पूरे रीति-रिवाज से उसका संस्कार किया जाएगा।
03:58 PM Mar 29, 2024 IST | Amit Kasana
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
Advertisement

Harvard University: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में 90 साल पुरानी एक किताब से महिला की स्किन से बना कवर हटाया गया है। यह किताब 19वीं सदी की है, जो हार्वर्ड की लाइब्रेरी में रखी थी। जब प्रबंधकों को इस बात का पता चला तो उन्होंने महिला को सम्मान देते हुए उसकी स्किन हटाई और अब रीति-रिवाज से उसका संस्कार किया जाएगा।

Advertisement

पता लगने पर यूनिवर्सिटी ने उठाया यह कदम

जानकारी के अनुसार इस किताब का नाम 'डेस्टिनीज ऑफ द सोल है। इस किताब में मरने के बाद के जीवन के बारे में बताया गया है। इस किताब के बारे में पता लगते ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने  संबंधित लोगों से बात की और स्किन को हटाने का निर्णय लिया। यूनिवर्सिटी की तरफ से इस बारे में बयान जारी कर कहा गया कि महिला को सम्मान देते हुए उसकी त्वचा को किताब के कवर से हटा दिया है। अब संबंधित अधिकारियों से बात कर उनका दफनाने  की प्रक्रिया चल रही है।

डॉक्टर ने बाइंड करवाई थी किताब

हार्वर्ड के एक प्रोफेसर के अनुसार 19वीं सदी में किताब को मानव स्किन से बाइंड करना एक सामान्य बात थी, प्राय: यह धीरे-धीरे खत्म हो गई। दुनिया में ऐसी कुछ किताबें हैं जिन पर से भी यह कवर अब उतार दिए गए हैं। इस कड़ी में भी हार्वर्ड ने यह कदम उठाया है। बताया जाता है कि यह किताब फ्रांसीसी लेखक आर्सेन हाउससे ने लिखी थी, जो पहले डॉ. लुडोविक बौलैंड के पास थी।

Advertisement

इस महिला की स्किन से बाइंड की थी किताब

बौलैंड ने एक मानसिक रूप से बीमार महिला के मरने के बाद उसकी त्वचा से किताब को बाइंड करवाया था। महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी। इससे पहले साल 2022 में हार्वर्ड ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें  उसने विभिन्न संग्रहों में 20 हजार से अधिक मानव अवशेषों की पहचान की, जिनमें कंकाल से लेकर दांत, बाल और हड्डी के टुकड़े थे।

Advertisement
Tags :
Harvard University
Advertisement
Advertisement