शहबाज शरीफ से एस जयशंकर की मुलाकात, पाकिस्तान के पीएम ने आगे बढ़कर मिलाया हाथ
S Jaishankar Shehbaz Sharif: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पाकिस्तान पहुंच गए हैं। मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे। एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में हिस्सा लेने गए विदेश मंत्री से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुलाकात की। एस जयशंकर ने पाकिस्तान पीएम की ओर से आयोजित डिनर में शिरकत की। इस दौरान शहबाज शरीफ ने आगे बढ़कर हाथ मिलाया। विदेश मंत्री और एससीओ परिषद के अन्य शासनाध्यक्षों का शहबाज शरीफ ने स्वागत किया।
दोनों नेताओं की तस्वीर आई सामने
इस दौरान दोनों कुछ बातचीत करते हुए भी नजर आए। हालांकि बात क्या हुई, अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस दौरान दोनों नेताओं की एक तस्वीर भी ली गई। बता दें कि 9 साल में यह पहला मौका है, जब भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान गए हैं। बता दें कि विदेश मंत्री यहां सिर्फ SCO समिट में हिस्सा लेंगे। यहां भारत-पाकिस्तान के नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं होनी है।
ये भी पढ़ें: किम जोंग या जाॅर्ज सोरोस…किसके साथ डिनर करेंगे एस. जयशंकर? विदेश मंत्री ने दिया जवाब
क्या है SCO?
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन को SCO के नाम से जाना जाता है। समय-समय पर इसकी बैठकें आयोजित होती हैं। इसकी स्थापना 2001 में शंघाई चीन में की गई थी। इसके सदस्य देशों में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। 2017 में ईरान को भी एससीओ का सदस्य बनाया गया था।
क्या है समिट का उद्देश्य?
समिट का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग के अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बेहतर करना है। इसके अलावा आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ाई भी इसका एक उद्देश्य है। व्यापार, निवेश और परिवहन के क्षेत्र को बढ़ावा देकर आपसी सहयोग इसके उद्देश्यों में शामिल है।
ये भी पढ़ें: ‘युद्ध कहीं भी हो, दुनिया मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती’, UNGA में विदेश मंत्री ने किसे चेताया?
विदेश मंत्री उठा सकते हैं आतंकवाद का मुद्दा
विदेश मंत्री SCO की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा उठा सकते हैं। साथ ही आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय व्यापार पर भी चर्चा कर सकते हैं। विदेश मंत्री ने हाल ही कहा था कि हम पड़ोसी देश से बेहतर संबंध चाहते हैं, लेकिन उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।
ये भी पढ़ें: पुराने आरोपों में हवा भरने को ट्रुडो ने लिया बिश्नोई गैंग का नाम, MEA ने खारिज किए आरोप, मांगे सबूत