आज ही के दिन ताइवान में आया था 6.8 तीव्रता वाला भूकंप, 119 साल बाद भी नहीं भरे घाव
Aaj Ka Itihas 17 March: धरती पिछले एक साल से भूकंप के झटकों से कांप रही है। भारत, अमेरिका, जापान समेत दुनिया के कई बड़े देशों ने भूकंप के झटके झेले। हर रोज दुनिया के किसी न किसी हिस्से में भूकंप आ रहा है। भूकंप के मद्देनजर आज 17 मार्च की तारीख की इतिहास पढ़ें तो आज के दिन 119 साल पहले 17 मार्च 1906 को ऐसा भूकंप आया था, जिसमें 1000 से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया था और 30000 से ज्यादा लोगों से उनका आशियाना छीन लिया था।
जी हां, यह भूकंप ताइवान में आया था, जो ताइवान के इतिहास में दर्ज तीसरा सबसे घातक भूकंप रहा। इस भूकंप के कारण 1260 लोगों की जान चली गई थी। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.8 मापी गई थी। यह भूकंप 17 मार्च 1906 को स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजकर 43 मिनट पर आया था। इस भूकंप का केंद्र धरती के नीचे 6 किलोमीटर (3.7 मील) की गहराई में मिला था।। इस भूकंप ने ताइवान के मेईशान शहर को अपना केंद्र बनाया था, जो 25 किलोमीटर (15.5 मील) लंबे दायरे में फैला रहा। उस दिन इस शहर में पूरा दिन भूकंप के झटके लगते रहे, जिससे बचाव अभियानों में बाधा उत्पन्न हुई और इतने लोग मारे गए।
भूकंप से हुए नुकसान के आंकड़े स्पष्ट नहीं
इतिहास में दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार, ताइवान में 17 मार्च 1906 को आए भूकंप से हुए नुकसान के आकंड़े अलग-अलग हैं। देश के केंद्रीय मौसम ब्यूरो के अनुसार, भूकंप की चपेट में आने से 1258 लोग मारे गए और 2385 लोग घायल हुए। 6769 मकान ध्वस्त हुए और 14218 को नुकसान पहुंचा। वहीं जापान के मशहूर भूकंपविज्ञानी फुसाकिची ओमोरी, जो भूकंप आने की खबर मिलते ही मेईशान पहुंचे थे, उन्होंने मीडिया के बताया कि घरों की निमार्णशैली के कारण नुकसान ज्यादा हुआ। मिट्टी से बने, ढीले सीमेंट वाले, धूप में सुखाई गई मिट्टी की ईंट से बने मकान ढह गए। शहर भूकंप से पूरी तरह से नष्ट हो गया था।
ओमोरी की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के चपेट में आने 1266 लोग मारे गए। 2476 लोग घायल हुए। 7284 मकान ध्वस्त हुए और 30021 मकानों को नुकसान पहुंचा। उन्होंने मीडिया को बताया कि वे जल्द ही मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने सड़कों को गिरे हुए बीम और मलबे से ढके हुए घर देखे तो बहुत दुख हुआ। हर तरफ भयानक पीड़ा के इतने सारे निशान देखकर दिल दहल गया। जगह-जगह सड़कों पर दरारें थीं, पूरा शहर ध्वस्त हो गया था। क्योंकि भूकंप प्रभावित एरिया जापाप के कब्जे में था, इसलिए वहां जापान की सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर पर बसा देश
बता दें कि ताइवान भूकंप के मद्देनजर प्रशांत महासागर के रिंग ऑफ फायर पर बसा है और फिलीपीन सागर प्लेट के पश्चिमी किनारे पर है। इसलिए ताइवान में आने वाले भूकंप फिलीपीन सागर की प्लेटों और द्वीप के पूर्व में यूरेशियन प्लेट के टकराने का परिणाम होते हैं। ताइवान में ज्यादार भूकंप पूर्वी तट पर आते हैं और बहुत कम नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि द्वीप के नीचे से आने वाले भूकंप ऐतिहासिक रूप से अधिक विनाशकारी साबित हुए हैं। ताइवान में पहला भूकंप 1624 में आया था। 1901 और 2000 के बीच ताइवान में 91 बड़े भूकंप आए। ताइवान में पिछली बार बड़ा भूकंप 3 अप्रैल 2024 हुआलियन में आया था।। इससे पहले 21 सितंबर 1999 को भूकंप आया था, जिसमें 2415 लोगों की जान चली गई थी।