5000 फीट ऊंचाई, अचानक उठने लगी लपटें, जोरदार धमाका और प्लेन क्रैश, रनवे पर बिखर गई थीं लाशें
Boeing Plane Crash Anniversary Memoir: रनवे के ऊपर 5000 फीट की ऊंचाई पर था जहाज, पहली लैंडिंग फेल हो गई थी, 2 घंटे हवा में इंतजार करने के बाद जब लैंडिंग का प्रयास किया तो अचानक जहाज में आग लग गई। ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं और धमाके के साथ रनवे के ऊपर जहाज क्रैश हो गया। इसके बाद रनवे पर जो मंजर था, देखकर एयरपोर्ट अधिकारियों की चीखें निकली गई।
रनवे पर जहाज का मलबा और पैसेंजरों की लाशें बिखरी पड़ी थीं। हालत ऐसी थी कि पहचानना भी मुश्किल था। 8 साल पहले आज की तारीख में हुआ यह हादसा आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है। जहाज में सवार 55 पैसेंजर और 7 क्रू मेंबर्स मारे गए थे। जांच हुई तो क्रू मेंबर्स की लापरवाही, टेक्निकल फॉल्ट और प्रतिकूल मौसम को जिम्मेदार ठहराया गया। किसी भी तरह के आतंकवादी हमले या बम बलास्ट की संभावना से जांच टीम ने इनकार किया था।
मौसम अचानक खराब हुआ, बारिश-धुंध थी
फ्लाईदुबई फ्लाइट 981 (FZ981/FDB981) के बोइंग 737-800 ने 18 मार्च 2016 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई एयरपोर्ट से रूस के रोस्तोव-ऑन-डॉन के लिए उड़ान भरी। 19 मार्च 2016 को जहाज की लैंडिंग थी, लेकिन अचानक रूस में मौसम खराब हो गया। हालांकि पायलट ने लैंडिंग का प्रयास किया, लेकिन फेल हो गया। इसके बाद भी करीब 2 घंटे तक जहाज हवा में घूमता रहा।
पायलट मौसम के ठीक होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन फ्लाइट को क्रास्नोडार हवाई अड्डे की ओर डाइवर्ट कर दिया गया। वहां पायलट ने लैंडिंग करने की कोशिश की। कैप्टन ने नोज-डाउन ट्रिम स्विच दबाया और जोर का धक्का लगा। इसके कारण विमान 45 डिग्री के एंगल से नीचे गिरता चला गया। रनवे के ऊपर ही जहाज में आग लग गई। जोरदार धमाका हुआ और प्लेन क्रैश हो गया। 2 लैंडिंग फेल होने के बाद गो-अराउंड प्रोसेस करते समय जहाज हादसे का शिकार हुआ।
मारे गए पैसेंजरों में से 30 रूस के टूरिस्ट थे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे में मारे गए पैसेंजरों में से 44 रूसी नागरिक थे, जिनमें 4 बच्चे भी शामिल थे। इन 44 लोगों में भी 30 टूरिस्ट थे, जो दुबई घूमने के बाद वापस लौट रहे थे। 8 यात्री यूक्रेन के थे। 2 भारतीय ईरान से और एक उज्बेकिस्तान से आया था। जहाज 5 साल पुराना बोइंग 737-8केएन था। इसने पहली उड़ान 21 दिसंबर 2010 को भरी थी। इसे 24 जनवरी 2011 को फ्लाईदुबई को हैंडओवर किया गया था।
विमान ने 21 जनवरी 2016 को मेंटेनेंस का सी-ग्रेड लेवल टेस्ट पास किया था। हादसे के वक्त मौसम खराब था। हल्की बारिश और धुंध थी। हवा की स्पीड 65 किलोमीटर प्रति घंटा था। फ्लाइट के कैप्टन साइप्रस के 37 वर्षीय अरिस्टोस सोक्राटस थे, जिनके पास 6,000 घंटे से अधिक फ्लाई करने का अनुभव था।
कैप्टन की पत्नी देने वाली थी पहले बच्चे को जन्म
सोक्राटस ने बोइंग 737 विमान ही 4905 घंटे तक फ्लाई किया था। इस हादसे से डेढ़ साल पहले ही उनको बतौर कैप्टन पदोन्नति मिली थी। जिन दिनों यह हादसा हुआ, उन्हीं दिनों सोक्राटस ने रयानएयर की जॉब ऑफर स्वीकार किया था और वे अपनी वर्तमान एयरलाइन को छोड़ने की तैयारी कर रहे थे। वे अपने परिवार के साथ साइप्रस में बसना चाहते थे। कुछ महीनों में उनकी पत्नी अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली थी, लेकिन उन्होंने सोचा नहीं होगा कि दुबई से रूस की यह फ्लाइट उनकी आखिरी उड़ान होगा।