Jimmy Carter के नाम पर हरियाणा का ये गांव, जानें 46 साल पुराना किस्सा
Former US President Jimmy Carter : अमेरिका के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया है। भारत आने वाले वह तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे। माना जाता है कि जिमी कार्टर के भारत दौरे के बाद दोनों देशों के रिश्ते मजबूत हुए थे। इसके साथ ही जिमी कार्टर का भारत के एक गांव के साथ खास रिश्ता है, यह रिश्ता राजनीतिक या कूटनीतिक रूप से नहीं बल्कि इससे भी कहीं आगे हैं।
आपातकाल के बाद 1977 में जब जनता पार्टी की जीत हुई तो वह 2 जनवरी 1978 को भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरान वह दिल्ली के पास दौलतपुर नसीराबाद गांव की यात्रा पर गए थे। इसके बाद उनका भारत से जुड़ाव और गहरा हो गया। अपनी पत्नी रोजलिन के साथ जब जिमी कार्टर दौलतपुर नसीराबाद पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था।
कार्टरपुरी नाम कैसे पड़ा?
दरअसल जिमी कार्टर की मां लिलियन ने 1960 के दशक में पीस कॉर्प्स के साथ मिलकर एक स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में दौलतपुर नसीराबाद गांव में काम किया था। इसके बाद 1978 में जिमी कार्टर जब भारत आए तो उन्होंने इस गांव का दौरा किया। इसके बाद इस गांव के लोगों ने कार्टर के सम्मान में गांव का नाम बदलकर 'कार्टरपुरी' कर दिया था।
कार्टर ने बाद में इस यात्रा को लेकर कहा था कि इस यात्रा ने भारत और अमेरिका के बीच एक स्थायी साझेदारी की नींव रखी, जो पारस्परिक सम्मान और साझा आदर्शों पर आधारित थी। 1978 के कैंप डेविड समझौते , मिस्र और इजराइल के बीच शांति समझौता कराना उनकी सबसे उपलब्धियों में शामिल था।
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जिमी कार्टर अमेरिकी इतिहास के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने जिमी कार्टर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि आज अमेरिका और दुनिया ने एक असाधारण नेता, राजनेता और मानवतावादी शख्स को खो दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्टर मेलानोमा नामक बीमारी से पीड़ित थे। यह एक तरह का स्किन कैंसर होता है और यह कार्टर के लिवर और दिमाग तक फैल गया था।