इस्माइल हनिया की मौत का बदला कैसे लेगा ईरान? क्या है प्लान, जानें तेहरान की तैयारी
Ismail Haniyeh Assassination News: इस्माइल हनिया की हत्या का बदला लेने के लिए हमास और उसके सहयोगियों ने इजरायली डिफेंस फोर्सेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 31 जुलाई को इजरायली फोर्सेस पर हमले के बाद हमास ने 5 मर्केवा टैंक्स और 2 डी9 बुलडोजर नष्ट करने का दावा किया है। हमास और उसके सहयोगियों ने राफा और खान यूनिस में इन हमलों को अंजाम दिया। अल-कस्साम ब्रिगेड और अल-कुद्स ब्रिगेड ने इजरायली सैनिकों पर एसके-8 मिसाइल से भी हमले का दावा किया है। इस्माइल हनिया को ईरान के तेहरान में उनके आवास पर मिसाइल हमले ने ढेर कर दिया। हमास ने दावा किया है कि हनिया की हत्या के पीछे इजरायल का हाथ है। वहीं तेहरान ने इसके लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराया है।
हनिया की मौत का बदला लेगा ईरान
ईरान ने हमास नेता इस्माइल हनिया की मौत का बदला लेने की बात की है। इजरायल और ईरान के बीच लंबे समय से शीत युद्ध चल रहा है। लेकिन गाजा पर इजरायल के हमले के बाद से हालात बेहद बिगड़ गए हैं। हनिया की हत्या के बाद इजरायल पर ईरान के सीधे हमले की आशंका बढ़ गई है।
14 अप्रैल को ईरान ने किया था हमला
इसी साल 14 अप्रैल को ईरान ने 300 बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों के साथ इजरायल पर ड्रोन से हमला किया था। ईरान ने इस हमले को बहुत ही सावधानी से तैयार किया था, लेकिन अमेरिका और इजरायल ने ज्यादातर मिसाइलों को मार गिराया। हालांकि कुछ मिसाइलें इजरायल के डिफेंस सिस्टम को भेदने में कामयाब रहीं। लेकिन इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई।
तेहरान का ये हमला, सीरिया के दमिश्क स्थित ईरान के दूतावास पर हुए इजरायली हमले के जवाब में था। इस हमले में ईरान के दो टॉप सैन्य अधिकारियों और इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गॉर्ड कॉर्प्स (IRGC) के कई अन्य सदस्यों की मौत हो गई थी।
इजरायल पर हमले के लिए इंतजार
जुलाई की शुरुआत में IRGC के एयरोस्पेस कमांडर अमीर अली हजीजादेह ने कहा था कि ईरान इजरायल पर सीधे हमले के लिए मौके का इंतजार कर रहा है। मिडिल ईस्ट में ईरान के पास मिसाइलों का सबसे बड़ा जखीरा है। इन मिसाइलों में हाइपरसोनिक मिसाइल भी शामिल हैं, जो चंद सेकेंड्स में इजरायल को टारगेट कर सकती हैं।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई, राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियां और इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गॉर्ड कॉर्प्स ने हनिया की मौत का बदला लेने की ठान रखी है। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ईरान, इजरायल पर सीधा हमला करेगा कि नहीं, या फिर तेहरान 'एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंट' के जरिए अपनी रणनीति को अंजाम देगा। मिडिल ईस्ट में 'एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंट' ईरान का खड़ा किया हुआ एक मोर्चा है, जिसमें हमास और हिजबुल्ला जैसे संगठन भी शामिल हैं।
हनिया की हत्या का बदला होगा स्पेशल ऑपरेशन
संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन ने कहा कि हनिया की हत्या के लिए बदले की कार्रवाई निश्चित तौर पर स्पेशल ऑपरेशन होगी, जिसके बाद हत्यारों को अपने किए पर पश्चाताप होगा। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासेर कन्नानी ने कहा कि गाजा युद्ध में अमेरिका ने इजरायल का सपोर्ट किया है। हनिया की मौत के लिए भी अमेरिका जिम्मेदार है। अमेरिका की शह पर फिलीस्तीनी नागरिकों का कत्लेआम हो रहा है। इस आतंकी कृत्य के लिए अमेरिकी सरकार जिम्मेदार है। हालांकि अमेरिका के गृह मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कहा कि हनिया से जुड़े मामलों में वॉशिंगटन शामिल नहीं है।
हनिया की हत्या का मामला तब सामने आया है, जब 27 जुलाई को इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स पर हुए हमले में 12 बच्चे और कुछ युवा मारे गए थे। इजरायल ने इसके लिए हिजबुल्ला को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन हिजबुल्ला ने इससे इनकार किया। वहीं ईरान ने भी इजरायल के आरोपों को मनगढ़ंत और गाजा में जारी कत्लेआम से ध्यान भटकाने वाला बताया था।
हमास के कस्साम ब्रिगेड ने हनिया की हत्या को खतरनाक घटना करार दिया था और कहा कि इसका पूरे क्षेत्र पर बड़ा असर होगा। वहीं ईरान के पूर्व विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि अमेरिका और यूरोप को अब अंदाजा हो गया होगा कि नेतन्याहू की सत्ता मौत और विध्वंस पर टिकी है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि पश्चिमी देश नेतन्याहू के पागलपन का बचाव करना छोड़ें।