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नौकरियों के लिए नया खतरा! दिमाग पढ़ने वाली मशीन, जानें क्या है Elon Musk का फ्यूचर प्रोजेक्ट?

Elon Musk Neuralink New Project: एलन मस्क की न्यूरालिंक का नया प्रोजेक्ट काफी खतरनाक है। यह लोगों की नौकरियों खा सकता है। जी हां, एक नई टेक्नोलॉजी इजाद हुई है, जिसके इस्तेमाल से कंपनियां अपने भविष्य को सिक्योर करने के लिए रणनीति बना पाएंगी।
12:23 PM Apr 21, 2024 IST | Khushbu Goyal
एलन मस्क की न्यूरालिंक का नया प्रोजेक्ट नौकरियों के लिए नया खतरा बन सकता है।
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Elon Musk Human Brain Reading Machine: छंटनी के दौर में नौकरियों पर नया खतरा मंडराने लगा है। Google, Nike समेत कई कंपनियों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। वहीं अब Elon Musk का नया प्रोजेक्ट नौकरियों पर नया खतरा और कंपनियों के लिए वरदान साबित हो सकता है।

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दिमाग से माउस कंट्रोल करना, शतरंज खेलना, लकवाग्रस्त महिला के दिमाग में हो रही एक्टिविटीज का पता लगाना और उसकी बातों-चेहरे के भावों का पता लगाना...Elon Musk की उपलब्धियों में से एक हैं, लेकिन मस्क की न्यूरालिंग अब एक ऐसी टेक्नोलॉजी लेकर आई है, जो इंसानी दिमाग को पढ़ने में सक्षम है।

 

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दिमाग की नसों का डाटा जुटाएगी मशीन

जी हां, दिमाग पढ़ने वाली मशीन बनाई गई है, जो कर्मचारियों और कंपनियों का भविष्य बदलने में सहयोग करेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Elon Musk की न्यूरालिंक इंसान के दिमाग की नसों, उससे निकलने वाले सिग्नलों और तरंगों को डिटेक्ट करके पता लगाएगी कि वह क्या सोच रहा है? क्या करने की प्लानिंग है?

इससे कंपनियों को अपने कर्मचारियों के दिमाग को पढ़ने और उसके अनुसार अपनी स्ट्रेटजी बनाने में मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल विज्ञापन बनाने और प्रोडक्ट का प्रचार इंसान की पसंद के मुताबिक करने में भी फायदेमंद रहेगा। बता दें कि न्यूरालिंक मशीन बनाने के पहले फेज में है। इसमें मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स, रेटिना रीडर्स, मेडिटेशन टेक्निक और डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस नई टेक्नोलॉजी की खरीद भी शुरू हो गई है।

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न्यूरालिंक की टेक्नोलॉजी बनती जा रही खतरा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए मस्क मेटा, एप्पल और स्नैपचैट जैसी कंपनियों के साथ डील करने की कोशिश की है, क्योंकि मस्क का प्लान अपनी मशीन को ईयरफोन, हैंड बैंड और हेडसेट्स के जरिए घरों तक पहुंचाने का है। हालांकि दुनियाभर के देश न्यूरालिंक और इसकी टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल के चलते पैदा होने वाले खतरे को लेकर भी सचेत हैं।

अमेरिका टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर कानून बना चुका है, जिसमें न्यूरालिंक के इस्तेमाल को संवदेनशील टेक्नोलॉजी के कैटेगरी में रखा गया है। वहीं जिस तरह से न्यूरालिंक इंसान के दिमाग को पढ़ने में सक्षम है, इसके दुरुपयोग की संभावनाओं का अंदाजा लगाना भी काफी मुश्किल होगा।

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