6 देशों के युद्ध के तरीके देख खुद को तैयार करने में जुटा भारत, आसियान देशों की बैठक में जाएंगे रक्षामंत्री राजनाथ, उठेंगे अहम मुद्दे
पवन मिश्रा
India Preparing War Methods ASEAN Meeting: अज़रबैजान-आर्मीनिया की लड़ाई जब शुरू हुई थी तब रक्षा मामलों के जानकरों ने कहा था कि दो छोटे देशों के बीच ये लड़ाई है दोनों आपस मे ही सुलझा लेंगे। नतीजा यह हुआ कि खूबसूरत वादियों वाला देश अजरबैजान की अर्थव्यवस्था पुरी तरह से चरमरा गई है। वहीं आर्मीनिया की सेना के पास हथियार से निकलने वाले गोलियों और गोलों की कमी आ गई। दोनों देश की लड़ाई अभी शांत भी नहीं हुई थी कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया। आज एक साल से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन दोनों देशों में से कोई झुकने को तैयार नहीं है। इसी को देखते हुए रक्षा जानकारों ने तो तीसरे वर्ल्ड वार की आशंका भी जाहिर कर दी थी। इसी बीच इजराइल और हमास आमने सामने आ गए। इन 6 देशों की युद्ध करने के तरीके को देख कर भारतीय सेना ने भी अलग रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
भारत की नई सुरक्षा रणनीति
नई सुरक्षा रणनीति को लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 देशों वाले ASEAN (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ) की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए राजनाथ सिंह इंडोनेशिया की दो दिवसीय करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्यों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। ASEAN रक्षा मंत्रियों की इस ADMM-Plus बैठक में भारत प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों से निपटने पर अपने विचार प्रस्तुत कर सकता है।
ASEAN देशों की बैठक
बता दें कि, इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 16 से 17 नवंबर 2023 को ASEAN देशों की ये बैठक होगी। इस बैठक में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यानमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और इसके 8 भागीदार भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल रहेंगे। ADMM-Plus का अध्यक्ष होने के नाते इंडोनेशिया इस बैठक की मेजबानी कर रहा है।
मालूम हो कि साल 1992 में भारत ASEAN समेलन में शामिल हुआ था।
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बैठक में उठाए जाएंगे अहम मुद्दे
लेकिन साल 2017 से रक्षा के मामलों में एक दूसरे को हेल्प करने के उद्देश्य से एडीएमएम-प्लस मंत्रियों की सालाना बैठक होती आ रही है। इस बार के आसियान बैठक में साइबर सुरक्षा, मिलेट्री मेडिकल और आतंकवाद जैसे अहम मुद्दो पर चर्चा की जाएगी। ये वो वैश्विक समस्याएं हैं जिसकी चपेट में आज लगभग हर वो देश है जो अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से उभर रहा है। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में नेचुरल डिजास्टर के प्रकोप को झेल रहा है। भूकंप, बादल फटने की घटना, बाढ़, चक्रवात और तूफान से होने वाले जान माल की नुकसान से कैसे बचना है इस पर भी अहम चर्चा की जाएगी। 10वें ADMM-Plus के दौरान 2024-2027 के लिए सह-अध्यक्षों के अगले सेट की भी घोषणा की जाएगी।