यमन में कैसे दी जाती है मौत की सजा? भारतीय नर्स को क्यों सता रहा खतरा?
Yemen Death Penalty : केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की 36 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। राष्ट्रपति ने भी निमिषा की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है। अगर जल्द ही निमिषा को सहायता नहीं मिली तो जल्द उसे मौत की सजा दे दी जाएगी। आइये जानते हैं कि निमिषा प्रिया को किस कारण मौत की सजा दी गई है और यमन में मौत की सजा कैसे दी जाती है?
निमिषा प्रिया 2008 में अपने माता-पिता की मदद के लिए यमन गई थी। वहां उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और फिर अपना क्लिनिक खोलने का फैसला किया। स्थानीय कानून के अनुसार, कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले स्थानीय लोगों के साथ साझेदारी करना अनिवार्य है। ऐसे में साल 2024 में जब क्लिनिक खोला तो वह तलाल अब्दो महदी के संपर्क में आईं। दोनों ने क्लिनिक शुरू किया लेकिन साल 2017 में दोनों के बीच विवाद शुरू हो गया।
निमिषा के परिवार का दावा है कि तलाल अब्दो महदी ने उसका पासपोर्ट अपने पास रख लिया था। अपने जब्त पासपोर्ट को वापस पाने के लिए निमिषा ने महदी को कथित तौर पर बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था लेकिन बेहोशी का इंजेक्शन के ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई।
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इसके बाद निमिषा ने यमन से भागने की कोशिश की थी लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया था और जेल में डाल दिया गया था। कोर्ट में मामला गया और 2018 में उसे हत्या का दोषी ठहराया गया था। 2020 में ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई और 2023 में यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने भी मौत की सजा को बरकरार रखा। इसके बाद राष्ट्रपति ने ही इस पर मंजूरी दी दी।
जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यमन में महज एक महीने के अंदर मौत की सजा दे दी जाती है। ऐसे में अगर निमिषा को कोई सहायता नहीं मिली तो उसे आने वाले कुछ ही दिनों में सजा दी जा सकती है। हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा कि हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है।
कैसे दी जाती यमन में मौत की सजा?
मौत की सजा हर देश में अलग-अलग तरीके से दी जाती है। भारत में फांसी दी जाती है लेकिन यमन में ऐसा नहीं है। यमन में दोषी को गोली मारकर मौत की सजा दी जाती है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि इंसान को सार्वजानिक स्थान पर फांसी दी जाती है।