Joe Biden Inside Story: कौन है डेमोक्रेटिक पार्टी का बॉस, किसके कहने पर रेस से हटे बाइडेन?
Joe Biden News: जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से हटने का फैसला किया है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। हालांकि बाइडेन के इस्तीफे ने कई सवाल कर खड़े कर दिए हैं। पश्चिमी मीडिया में अब सवाल हो रहा है कि असल में डेमोक्रेटिक पार्टी को चला कौन रहा है? बाइडेन के अचानक रेस से हटने के पीछे कौन है? यही नहीं जो बाइडेन ने ट्वीट कर ट्रंप के मुकाबले कमला हैरिस का समर्थन किया है।
'बाइडेन का रेस से हटने का फैसला अमेरिका का अपमान'
डेली मेल के लिए लिखे अपने कॉलम में मौरीन काल्लाहन ने कहा है कि राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी से हटने का बाइडेन का फैसला दरअसल एक राष्ट्र के तौर पर अमेरिका का अपमान है। उन्होंने यहां तक कहां है कि बाइडेन ने शुरू में कमला हैरिस का समर्थन वाला ट्वीट नहीं किया था, बाद में यह ट्वीट करवाया गया है। उन्होंने सवाल किया है कि सोमवार की सुबह बाइडेन की घोषणा का मतलब क्या है?
राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी से हटने का फैसला मीडिया के सामने होता है। उन्हें बताया जाता है। खबरें ये भी हैं कि बाइडेन के कैंपेन मैनेजरों तक को नहीं पता था कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी दावेदारी से पीछे हट रहे हैं। उन्हें इस बात का पता तब चला जब एक्स अकाउंट पर बाइडेन का ट्वीट आया।
'ओबामा, क्लिंटन ने सच्चाई छुपाई'
मीडिया में यह सवाल भी हो रहे हैं कि बाइडेन ने ओवल ऑफिस से राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए अपने फैसले की जानकारी क्यों नहीं दी। डेमोक्रेटिक पार्टी और अमेरिका को चला कौन रहा है? मौरीन काल्लाहन ने लिखा है कि ओबामा परिवार, क्लिंटन परिवार, नैंसी पेलोसी और डेमोक्रेटिक पार्टी के तमाम नेताओं को यह बात पता थी और उन्होंने सच्चाई छुपाई।
दरअसल बाइडेन के इस्तीफे से सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि कोरोना संक्रमित होने के बाद भी बाइडेन रेस से हटने को तैयार नहीं थे। उनके कैंपेन मैनेजर फंड जुटाने के लिए प्रचार अभियान तैयार कर रहे थे। अगले हफ्ते का बाइडेन का ट्रैवल प्लान पूरी तरह फिक्स था, फिर अचानक से बाइडेन का ट्वीट आ गया।
बाइडेन के विरोध में थे डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बाइडेन का यह फैसला उनका अपना फैसला है। कोविड संक्रमित होने के बाद बाइडेन डेलावेयर में अपनी पत्नी जिल बाइडेन के साथ हैं। यहीं पर बाइडेन ने अपने बेहद करीबी लोगों के साथ बात करके यह फैसला लिया है। बाइडेन ने शनिवार शाम के बाद से अपना स्टैंड बदला है। पिछले कुछ दिन से बाइडेन कैंपेन अभियान से दूर हैं। कोविड पीड़ित हैं। इसके बाद से बाइडेन ने अपने फैसले पर पुर्नविचार शुरू किया।
बाइडेन को समझ आने लगा था कि वह ट्रंप को हराने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि खुद बाइडेन को अपनी पार्टी के बड़े नेताओं का समर्थन नहीं मिल पा रहा था। बराक ओबामा, चक शूमर और नैंसी पेलोसी जैसे नेताओं ने भी बाइडेन का विरोध किया था। पिछले हफ्ते ट्रंप के साथ बहस के बाद बाइडेन का केस और बिगड़ गया। उनके स्वास्थ्य पर भी लगातार सवाल हो रहे थे। साफ था कि डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े नेता नहीं चाहते थे कि बाइडेन दोबारा राष्ट्रपति का चुनाव लड़ें।
ओबामा, चक शूमर और बाइडेन
वन न्यूज ने लिखा है कि सबसे बड़ा खेल जुलाई के दूसरे सप्ताह में हुआ, जब सीनेट के मेजोरिटी लीडर चक शूमर ने 11 जुलाई को जो बाइडेन के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग की और अपनी चिंताओं से वाकिफ कराया। मीटिंग बहुत अच्छी नहीं रही। सीनेटर्स ने अपनी चिंताओं से अधिकारियों को वाकिफ कराया और कहा कि उन्हें जो बाइडेन की उम्मीदवारी में भरोसा नहीं है।
हालांकि मीटिंग के बाद भी शूमर को टेंशन थी कि बाइडेन अपने स्टैंड को बदल नहीं रहे हैं। मीटिंग के बाद शूमर ने सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हकीम जेफ्रीज, पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को फोन किया। इसी दिन शूमर ने फैसला किया वह बाइडेन के साथ मीटिंग करेंगे। 13 जुलाई को रेहोबॉथ में बाइडेन और शूमर की मुलाकात हुई।
शूमर ने बाइडेन से कहा कि वह अपना फैसला लेने के लिए समय ले सकते हैं। बाइडेन का जवाब था, मुझे एक हफ्ते का समय चाहिए। और ठीक एक हफ्ते बाद बाइडेन के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से हटने का फैसला आ गया।