जयशंकर ने किया फोन तो घुटनों पर आया ईरान, 17 क्रू मेंबर को लेकर आई ये खुशखबरी
Iran Israel War Update Photos: इजराइल पर ईरान के हमले के बाद रविवार को पीएम नेतन्याहू के अगुवाई वाली कैबिनेट मीटिंग में तय हुआ कि ईरान को इजराइल पर किए गए हमले का अंजाम भुगतना होगा. यानी इजराइल, ईरान के हमले का जवाब देगा, लेकिन कब यह अभी तय नहीं हो पाया है। टाइम्स ऑफ इजराइल ने दावा किया कि इजराइल जल्द ही ईरान पर राॅकेट और मिसाइलों से हमला बोल सकता है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री ईरान में मौजूद जहाज पर 17 भारतीयों की रिहाई के लिए ईरानी विदेश मंत्री से बात की।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें जहाज को लेकर ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे है। हम कब्जे में लिए गए जहाज के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। हम जल्द ही भारत सरकार के अधिकारियों को जहाज में सवार क्रू मेंबर्स से मिलने की अनुमति देंगे।
आईडीएफ ने हटाई इजराइल में लगी पाबंदियां
ईरान के हमले के 24 घंटे बाद ही आईडीएफ ने देश में स्कूल और काॅलेज में लगी पाबंदियों को हटा दिया था। इसके साथ ही भीड़ और जनसभाओं पर भी रोक लगा दी गई थी। सभी पाबंदियां सोमवार रात 11 बजे तक के लिए जारी की गई थीं लेकिन इससे पहले ही जनसभाओं पर से रोक हटा दी गई है। वहीं यूएनएससी में ईरान के राजदूत ने कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं हमने अपनी सुरक्षा के लिए हमला किया है। हमने इजराइल की मिलिट्री बेस को टारगेट किया। हम जंग को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। वहीं इजराइल के राजदूत ने कहा कि दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध को टालने के लिए ईरान को रोकना बेहद जरूरी है।
जानें ईरान ने क्यों किया ऑपरेशन टू प्राॅमिस
बता दें कि शनिवार 13 अप्रैल को ईरान ने इजराइली अरबपति के मालिकाना हक वाले जहाज पर कब्जा कर लिया था। भारत आ रहे शिप पर 17 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार थे। ईरान की सेना ने शनिवार देर रात 3 बजे इजराइल पर करीब 300 ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। हालांकि इजराइल ने मित्र देशों के साथ मिलकर अधिकांश मिसाइलों और ड्रोन को रोक दिया था। हमले में इजराइल के नेवातिम एयरफोर्स बेस को नुकसान पहुंचा था। ईरान ने इस हमले को 'ऑपरेशन टू प्राॅमिस' नाम दिया है। इस विवाद की शुरुआत शुरुआत इजराइल ने की थी उसने 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में मिसाइल से हमला कर 2 टाॅप ईरानी कमांडर्स समेत 13 लोगों को मार गिराया था। इसके बाद से ही ईरान लगातार हमले की धमकी इजराइल को दे रहा था।