खाड़ी के दो कट्टर दुश्मन बनेंगे दोस्त, इजराइल और ईरान में सुलह कराएंगे इस देश के सुल्तान!
Israel Iran War: ईरान और इजराइल के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है। मिडिल ईस्ट के हालातों पर अमेरिका भी पैनी नजर बनाए हुए है। इसी बीच कयास लगने लगे हैं कि ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद ईरान और इजराइल के बीच सुलह करवाने की कवायद शुरू कर सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले समय में तारिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मध्य पूर्व में शांति स्थापित हो, इसलिए अमेरिका समेत तमाम देश तारिक से उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके पीछे वजह खास है। तारिक ने लगभग 5 साल पहले अपने चचेरे भाई कबूस बिन सईद की मौत के बाद ओमान की सत्ता संभाली थी।
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ओमान के रिश्ते इजराइल के साथ अच्छे हैं। 2018 में पीएम नेतन्याहू बेंजामिन भी ओमान की राजधानी मस्कट आ चुके हैं। इस दौरान कबूस और नेतन्याहू के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी। ओमान खाड़ी का पहला देश है, जिसने इजराइली दूतावास को अपने यहां मंजूरी दी है। कबूस ने ओमान पर लगभग 49 साल राज किया था। इस दौरान न केवल उन्होंने गृह युद्ध को समाप्त किया, बल्कि इसे स्थिर भी रखा। उनके रास्ते पर ही तारिक चल रहे हैं। ओमान यमन में सक्रिय आतंकवादी गुटों को लेकर भी चिंता जाहिर कर चुका है।
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यमन में चल रही जंग के बाद भी ओमान के हूतियों से संबंध अच्छे हैं। हूतियों को ओमान मेडिकल उपकरण आदि देता है। उनका तस्करी का सामान ओमान पहुंचता है। सऊदी अरब की मदद के लिए भी ओमान कई बार हाथ बढ़ा चुका है। वहीं, कई मामलों में ओमान ने अमेरिका की मदद भी की है। इजराइल के साथ हूतियों से संपर्क होने के बाद भी ओमान के अच्छे संबंध हैं। इजराइल ओमान को खूब तवज्जो देता है। इसलिए अब विशेषज्ञ कयास लगा रहे हैं कि ओमान इजराइल और ईरान के बीच मध्यस्थता कर सकता है।
हैथम कर चुके ओमान का दौरा
हैथम ने 2023 में ईरान की राजधानी तेहरान का दौरा किया था। विशेषज्ञ मानते हैं कि ओमान खाड़ी में ऐसा देश है, जिसके सभी के साथ अच्छे संबंध हैं। वह कभी भी ऐसी हरकत नहीं करता, जिससे उसके संबंध किसी से बिगड़े। ओमान के हूतियों, ईरान और इजराइल के साथ एक जैसे संबंध हैं। इसलिए अमेरिका और पश्चिमी देश भी ओमान को तवज्जो देते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार ओमान अब कतर की तरह मध्यस्थ की भूमिका में दिख सकता है। ईरान, इजराइल और अमेरिका को उस पर भरोसा है। ओमान के लिए अच्छी बात ये भी है कि अब अमेरिका का धीरे-धीरे कतर से मोहभंग होता जा रहा है। ऐसे में इजराइल और ईरान के लिए ओमान एक महत्वपूर्ण कार्ड साबित हो सकता है। देखने वाली बात होगी कि अमेरिका के नए प्रेसिडेंट ओमान को कितना महत्व देते हैं?