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एलन मस्क की कंपनी के साथ ISRO लॉन्च करेगा GSAT-N2, 99% सफलता की गारंटी; जानें खूबियां

ISRO Satellite GSAT-N2: इसरो ने अपना अब तक का सबसे एडवांस सैटेलाइट लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है। अगले सप्ताह इसे लॉन्च किया जाएगा। इसरो ने इसके लिए एलन मस्क की कंपनी के साथ करार किया है। जिसके ऊपर 591 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बारे में जानते हैं।
09:28 PM Nov 16, 2024 IST | Parmod chaudhary
Photo-(X SpaceX)
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GSAT-N2 Satellite: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा अगले सप्ताह अपना एडवांस कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-N2 लॉन्च किया जाएगा। जिसे यूएस के केप कैनावेरल से स्पेसएक्स के Falcon 9 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। यह सैटेलाइट खास तौर पर ISRO ने तैयार किया है। जिसका वजन करीब 4700 किलोग्राम है। यह अपने साथ मंगल की कक्षा में 4000 किलोग्राम वजन ले जा सकता है। इस सैटेलाइट का फायदा दूरगामी इलाकों में डेटा और इंटरनेट सेवाओं में मिलेगा। फ्लाइट्स में भी इससे इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी। हालांकि सैटेलाइट को लॉन्च करने के बाद सुविधाएं मिलने में कुछ समय लगेगा। इससे जुड़ने के लिए कंपनियों को लाइसेंस लेना होगा। विमानों को भी उसी हिसाब से सेवा के लिए अपडेट करना होगा।

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इंटरनेट कनेक्टिविटी को मिलेगी मजबूती

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक यह घरेलू निर्मित सैटेलाइट है। जिससे भारत की इन फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी। ISRO के UR राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक डॉ. एम शंकरण के अनुसार अब तक जो फ्लाइट भारतीय इलाके में प्रवेश करती थी, उसे इंटरनेट बंद करना होता था। क्योंकि हमारे यहां इसकी परमिशन नहीं है। GSAT-N2 को Ka-बैंड सैटेलाइट के तौर पर बनाया गया है। इसमें मल्टी-बीम आर्किटेक्चर तकनीक का प्रयोग किया गया है। इसकी स्पॉट बीम तकनीक से इसकी क्षमता जबरदस्त होगी। फिलहाल इसमें 32 यूजर बीम लगाए गए हैं, इनमें 24 बड़े भारत के अन्य हिस्सों और 8 मध्यम स्तर के उत्तर पूर्वी इलाकों में लगाए गए हैं।

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इसकी लॉन्चिंग ISRO की कमर्शियल शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के जरिए की जाएगी। यह एनएसआईएल का दूसरा कमर्शियल सैटेलाइट होगा। इसके लिए SpaceX कंपनी को एनएसआईएल की ओर से 591 करोड़ रुपये दिए गए हैं। SpaceX के साथ पहली बार इसरो काम कर रहा है। GSAT-N2 लॉन्चिंग के बाद 14 साल काम करेगा। इससे ग्राहकों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी। भारतीय ब्रॉडबैंड और इन फ्लाइट कनेक्टिविटी सेवाओं के लिए यह कदम क्रांतिकारी साबित होगा। अमेरिका की प्रमुख सैटेलाइट सेवा प्रदाता कंपनी Viasat Inc भी अभियान का हिस्सा है। जो GSAT-20 के जरिए समुद्री कनेक्टिविटी और भारतीय इन फ्लाइट सेवाओं में मदद करेगी। बता दें कि SpaceX और Falcon 9 के मालिक एलन मस्क हैं। जो दुनिया के बड़े उद्योगपति माने जाते हैं। स्पेसएक्स 2002 में स्थापित हुई थी।

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2018 में लॉन्च हुआ था पहला संस्करण

इसके अलावा एलन मस्क Neuralink, Tesla और The Boring Company के भी मालिक हैं। GSAT-N2 का 2018 में पहला संस्करण लॉन्च हुआ था। NSIL के अध्यक्ष राधाकृष्णन दुरैराज के अनुसार एक मानक फाल्कन 9 रॉकेट 70 मीटर तक ऊंचा होता है। इसे दो चरणों में डिजाइन किया गया है। 2021 में फाल्कन 9 ने एक ही मिशन पर 143 उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था। जिसने भारत के 2017 के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इस साल अभी तक स्पेसएक्स 106 फाल्कन 9 लॉन्च कर चुकी है। कंपनी का लक्ष्य साल के अंत तक 148 फाल्कन लॉन्च करने का है।

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ISRO
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