बड़े दिल वाली! PM मेलोनी, 30 दिन के बच्चे की जान बचाने के लिए भेजा सेना का प्लेन
Italy PM Giorgia Meloni PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी (PM Giorgia Meloni) की वो तस्वीर याद है, काफी खुशनुमा पल थे वो और पूरे देश-दुनिया में लोगों ने उस तस्वीर को सराहा था। आज हम आपको उन्हीं प्रधानमंत्री मेलोनी का एक ऐसा किस्सा सुनाएंगे, जिसे सुनकर आप उनकी तारीफ ही नहीं करेंगे, बल्कि उन्हें बड़े दिल वाली भी कहेंगे।
जी हां, PM मेलोनी ने 30 दिन के एक बच्चे की जान बचाई है। इसके लिए उन्होंने न सिर्फ सेना के प्लेन को ब्रिटेन भेजा, बल्कि उस बच्चे को रोम एयरलिफ्ट कराकर उसका इलाज कराया और पूरा खर्चा भी उठाया। इतना ही नहीं एयरलिफ्ट करते समय बच्चे की जान पर आंच न आए, इसके लिए सभी मेडिकल फैसिलिटी भी उपलब्ध कराईं।
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ब्रिटेन में उपलब्ध नहीं बच्चे की बीमारी का इलाज
दरअसल, बच्चा दिल की एक ऐसी बीमारी से ग्रस्त था, जिसका इलाज ब्रिटेन में उपलब्ध नहीं है। बच्चे का ब्रिस्टल रॉयल हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन में इलाज चल रहा था। उसके माता-पिता का नाम डीन ग्रेगरी और क्लेयर स्टैनिफोर्थ है, लेकिन ब्रिटेन में उस बीमारी का इलाज करने वाले विशेषज्ञ और सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं।
जब बच्चे के अभिभावकों को पता चला कि उनके बेटे का इलाज रोम में हो सकता है तो उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी और उनकी सरकार से मदद की अपील की, जिन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए मदद करने का वादा किया। साथ ही सभी आवश्यक इंतजाम करके प्लेन ब्रिटेन भेजने के निर्देश अपने देश की सेना को दिए। मंगलवार की सुबह बच्चा और उसका परिवार रोम में था। पहुंचते ही बच्चे को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
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बच्चे के अभिभावकों को जताया आभार
बच्चे के पिता ने बताया कि ब्रिटेन के ब्रिस्टल रॉयल अस्पताल से रोम के बम्बिनो गेसु बच्चों के अस्पताल तक उनके बेटे को एयर एंबुलेंस में ले जाया गया। वहां इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और उनकी सरकार के सहयोग से उनके बेटे की दिल की बीमारी का इलाज संभव हुआ। बच्चे की सर्जरी की गई और अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। मैं और मेरी पत्नी बहुत खुश हैं और राहत महसूस कर रहे हैं।
हालांकि उन्होंने ब्रिटेन के अस्पताल के साथ कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी की थी और वे उच्च न्यायालय में आवेदन करने वाले थे, लेकिन अस्पताल के सुझाव पर इटली की सरकार से मदद की अपील की गई। फिर बच्चे को तुरंत छुट्टी दे दी गई और 10 मिनट की दूरी पर हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया और उसे सेना के प्लेन में रोम ले जाया गया।
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