क्या होता है Megaquake? 7.1 तीव्रता वाले भूकंप के बाद जापान ने जारी की वॉर्निंग; कितना खतरनाक?
What Is A Megaquake : जापान दुनिया के उन देशों में से एक है जहां सबसे ज्यादा भूकंप यानी अर्थक्वेक आते हैं। गुरुवार को भी यहां कुछ ऐसा ही हुआ जब रिक्टर स्केल पर 7.1 मैग्नीट्यूड वाले तेज भूकंप ने यहां की धरती को हिला डाला। यह भूकंप इतना तेज था कि जापान की सरकार को सुनामी की एडवायजरी जारी करनी पड़ गई थी। लेकिन, मामला यहीं तक नहीं थमा। भूकंप के केंद्र और असर का एनालिसिस करने के बाद जापान मीटियरोलॉजिकल एजेंसी (जेएमए) ने मेगाक्वेक की वॉर्निंग जारी कर दी है। यह अपनी तरह की पहली वॉर्निंग है जिसने जापान में लोगों के बीच डर का माहौल बना दिया है। इस रिपोर्ट में जानिए कि मेगाक्वेक क्या होता है, इसकी चेतावनी का क्या मतलब है, यह भूकंप से कितना अलग है और क्या जापान इस बड़े संकट का सामना करने के लिए तैयार है?
8 अगस्त को जापान में आया भूकंप 7.1 मैग्नीट्यूड का था। यह भूकंप का केंद्र क्यूशू आईलैंड के दक्षिणी दिशा में 18 मील की गहराई पर था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भूकंप आने के बाद क्यूशू के रहने वाले एक शख्स ने कहा कि मैंने पहली बार इस तरह के झटके महसूस किए। आम तौर अगर मैं कार में हूं या कहीं बाहर हूं तो मुझे भूकंप का पता ही नहीं चलता छथा। लेकिन, इस भूकंप ने मुझे हिलाकर रख दिया। बता दें कि यह स्थिति तब है जब यह माना जाता है कि जापान के लोगों को भूकंप के झटके सहने की आदत है। हालांकि, इस दौरान कुछ खास नुकसान नहीं हुआ। भूकंप के बाद अधिकारियों ने सुनामी की वॉर्निंग जारी की और लोगों से तटीय इलाकों से तुरंत निकलने के लिए कहा। भूकंप आने के लगभग आधे घंटे बाद समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें भी उठती हुई देखी गईं।
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वॉर्निंग में क्या-क्या, आखिर कितना खतरा?
भूकंप आने के बाद लोगों ने जैसे ही अपनी डेली लाइफ शुरू की, जेएमए ने एक और वॉर्निंग जारी कर दी। अपनी तरह की यह पहली वॉर्निंग आने वाले समय में एक बड़े भूकंप के बढ़े खतरे के बारे में थी। जेएमए ने कहा कि पैसिफिक कोस्ट के पास मौजूद ननकाई ट्रफ के पास एक बहुत बड़े भूकंप का खतरा बढ़ गया है। चेतावनी में आगे कहा गया कि सबसे खराब स्थिति में जापान का बड़ा हिस्सा इससे प्रभावित हो सकता है। अगर ऐसी स्थिति बनती है को टोक्यो से लेकर दक्षिण-पश्चिमी क्यूशू तक इसका असर पड़ सकता है और सुनामी की गंभीर स्थिति बन सकती है। जेएमए के एडवायजरी बोर्ड के प्रमुख नाओशी हिराटा ने कहा कि आम परिस्थितियों की तुलना में अब ननकाई ट्रफ के पास बहुत बड़े भूकंप की आशंका कई गुना बढ़ गई है। यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
क्या सामना करने के लिए तैयार है जापान?
हालांकि, एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस वॉर्निंग का मतलब यह नहीं है कि आने वाले दिनों में बहुत बड़े स्तर के भूकंप का आना तय है। चेतावनी में इवैक्युएशन की सलाह नहीं दी गई है लेकिन एक सप्ताह तक अलर्ट पर रहने का फैसला लिया गया है। उल्लेखनीय है कि साल 2012 में एक्सपर्ट्स ने कहा था कि ननकाई ट्रफ में अगले 30 साल के अंदर 8 से 9 तीव्रता वाले भूकंप के आने की संभावना 70 से 80 प्रतिशत तक है। 3 लाख से ज्यादा जानें जा सकती हैं। अब एक सवाल यह उठता है कि अगर मेगाक्वेक आता है तो क्या जापान इसका सामना करने के लिए तैयार है? दरअसल, जापान ने अपने इतिहास से सबक लिया है और भूकंपों का सामना करने के लिए अपनी नीतियां उसी हिसाब से बनाई हैं। लेकिन, तैयारियों की असलियत को समस्या आने के बाद ही पता चल पाएगी।
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