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नया फरमान! द‍िन में एक बार हंसना है जरूरी; इस देश ने जारी किया अनोखा आदेश

Laughter Law : हंसना बेशक कई समस्याओं को कम कर देता है। आपका खुद का दिन बनाने के साथ-साथ यह दूसरों का मन भी खुश कर देता है। लेकिन, एक देश ने इस बात को इतनी गंभीरता से ले लिया है कि उसने एक कानून ही लागू कर दिया है जिसके तहत लोगों को दिन में कम से कम एक बार जरूर खुलकर हंसना होगा।
10:48 PM Jul 11, 2024 IST | Gaurav Pandey
Representative Image (Pixabay)
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This Country Makes A Law To Laugh : सुबह-सुबह उठकर घर से बाहर निकलें और कुछ मुस्कुराते हुए चेहरे दिख जाएं तो दिन बन जाता है। स्माइल को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का भी समाधान माना जाता है। लेकिन अगर आपको हंसने के लिए मजबूर कर दिया जाए तो? दरअसल, एक देश में ऐसा ही एक अजीबो-गरीब नियम लागू किया गया है। इसके अनुसार नागरिकों को दिन में कम से कम एक बार जरूर हंसना होगा। इस रिपोर्ट में जानिए कौन सा है यह देश और क्यों जारी किया गया ऐसा आदेश।

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जापान के यामागाटा राज्य में एक ऑर्डिनेंस शुक्रवार को पास किया गया था। यह आदेश एक रिसर्च को देखते हुए जारी किया गया है जो एक स्थानीय यूनिवर्सिटी ने की थी। इसमें पाया गया था कि नियमित तौर पर हंसने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है और लंबा जीवन जीने में मदद मिलती है। नए कानून के तहत लोगों को रोज कम से कम एक बार हंसना होगा। इसके अलावा इसमें यह भी कहा गया है कि कारोबार ऐसा माहौल तैयार करें जो हंसी-खुशी से भरा हो। हर महीने की 8 तारीख को लाफ्टर डे मनाया जाएगा।

विपक्षियों ने किया कानून का विरोध

यह कानून कंजर्वेटिव लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने पेश और पारित किया। विपक्षी नेताओं ने इस कानून को लेकर आलोचना की है। उनका कहना है कि यह कानून मौलिक मानवाधिकारों का हनन करने वाला है। जापान कम्युनिस्ट पार्टी के टोरू सेकी ने कहा कि हंसना या न हंसना हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है जो संविधान उपलब्ध कराता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि यह उन लोगों के साथ भेदभाव करता है जो किसी बीमारी की वजह से हंस नहीं सकते। लेकिन, कुछ संविधान विशेषज्ञों ने इसका समर्थन किया है।

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मुस्कुराहट को नहीं माना गया हंसी

बता दें कि जिस स्टडी के आधार पर यह कानून लाया गया है उसे यामागाटा यूनिवर्सिटी ने साल 2019 में अंजाम दिया था। इसमें पता चला था कि जो लोग सप्ताह में कम से कम एक बार हंसते हैं उनमें कार्डियोवैस्क्युलर समस्याएं होने की संभावना कम देखी गई। रिसर्चर्स ने इसके लिए स्टडी में 40 साल या इससे कम उम्र के 17,152 लोगों को शामिल किया गया था। उल्लेखनीय है कि इसमें मुस्कुराने को या चुपचाप हंसने को हंसी के तौर पर नहीं रखा गया है। बता दें कि भारतीय योग में भी हंसने को कई बीमारियों का इलाज बताया गया है।

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