Kenya Violence: दंगाइयों ने संसद भवन में लगा दी आग, बराक ओबामा की बहन पर भी फेंके आंसू गैस के गोले
Kenya Violence: अफ्रीका के देश केन्या में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। केन्या की राजधानी नैरोबी समेत कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन जारी है। इसी बीच भारतीय उच्चायोग ने एडवाइजरी जारी करते हुए केन्या में रह रहे भारतियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की बहन औमा ओबामा भी केन्या पुलिस के एक्शन का शिकार हो गई हैं।
प्रदर्शनकारियों में बराक ओबामा की बहन भी शामिल
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की बहन औमा ओबामा भी केन्या में हुई इस हिंसा का हिस्सा हैं। औमा ने केन्या संसद भवन के बाहर खड़े होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। औमा ओबामा का कहना है कि लोग अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम पर आंसू गैस के गोले दागे गए हैं, जिसकी वजह से हमारी आंखे नहीं खुल पा रही हैं।
राष्ट्रपित रुटो ने दिया बयान
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने हिंसा की कड़ी अलोचना की है। उन्होंने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि इस तरह की हिंसा लोकतंत्र पर हमला है। दुनिया इसे देख रही है। इस हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश की जा रही है। हम इस घटना पर फौरन एक्शन ले रहे हैं।
भारतीय उच्चायोग ने किया आगाह
भारतीय उच्चायोग ने एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्वीट शेयर करते हुए लिखा कि केन्या में चल रही तनावपूर्ण स्थिति के कारण सभी भारतीयों को सावधान रहने और बिना किसी काम के बाहर ना निकलने की सलाह दी जाती है। केन्या में शांति बहाल ना होने तक हिंसा प्रदर्शन वाली जगहों से दूर रहें। सभी बड़े अपडेट्स के लिए सोशल मीडिया और न्यूज वेबसाइट से जुड़े रहें। आंकड़ों की मानें तो केन्या में 20 हजार के आस-पास भारतीय रहते हैं, जिन्हें हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने का परामर्श दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि नैरोबी स्थित संसद भवन में एक विधेयक पारित होना था। टैक्स में वृद्धि से जुड़ा ये विधेयक अस्तित्तव में आने से पहले ही विवादों से घिर गया। विधेयक का विरोध करते हुए कुछ प्रदर्शनकारियों ने संसद में घुसने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 5 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। मगर तब तक हालात नियंत्रण से बाहर हो गए और पुलिस के एक्शन पर भड़के प्रदर्शनकारियों ने संसद में आग लगा दी।