जल्दी अमीर बनने के चक्कर में कंगाल हुई युवती, 3 महीने में 28 लाख रुपए खर्च डाले लॉटरी पर
'बड़ी पते की बात कही उस दिन भाई बशीर, रह जाए वह तुक्का है-लग जाए वह तीर'। एक कवि ने इन दो लाइनों में जिंदगी के सार को संजोने की भरपूर कोशिश की है। ये लाइनें उस आदमी के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, जो रिस्क उठाने में विश्वास रखते हैं। रिस्क या जोखिम ये शब्द ही ऐसे हैं कि इनके अर्थ में ही भरोसा नहीं है तो फिर भी लोग आगे बढ़कर इसका इस्तेमाल करते हैं। यह अलग बात है कि डर के आगे जीत किसी विरले किस्मत के धनी को मिलती है, बाकी तो सब डर के आगे जाकर रोते ही नजर आते हैं। हाल ही में चीन की एक युवती के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। उसने जल्दी अमीर बनने के चक्कर में गिने-चुने 90 दिन में 28 लाख का कर्जा कर लिया, लेकिन आखिर हाथ में सिर्फ 11 हजार रुपए ही हाथ आए। अब वह अपने किए पर पछता रही है। जानें क्या है पूरा मामला...
इस बात में कोई दो राय नहीं कि कोरोना काल के बाद चीन की माली हालत बहुत बुरी है। इसका ताजा उदाहरण चीन की ‘बेल्ट एंड रोड परियोजना’ है। 2013 में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के बाद 10 साल में चीन ने दुनिया के 139 देशों को जोड़कर इसे एक ट्रिलियन डॉलर का कर लिया, लेकिन अब यह प्रोजेक्ट आगे चलता नजर नहीं आ रहा। वजह पर जानकारों का कहना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप ने चीन के बुनियादी ढांचे और व्यापार पहल पर ब्रेक लगा दिया है। वैश्विक मंदी के कारण देनदारों की लोन चुकाने की क्षमता खतरे में पड़ गई है। साल 2020 के अंत में डिफ़ॉल्ट करने वाला जाम्बिया पहला अफ्रीकी देश था। वहीं शंघाई स्थित फुडान के ग्रीन फाइनेंस एंड डेवलपमेंट सेंटर के एक अध्ययन के मुताबिक, इथियोपिया, श्रीलंका और पाकिस्तान सहित अन्य देश ऋण संकट में फंस गए हैं। वैश्विक आर्थिक मंदी, बढ़ती ब्याज़ दरों और ज़्यादा महंगाई के कारण कई देशों को चीन से लिया क़र्ज़ चुकाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अरबों डॉलर के कर्ज़ चुकाए नहीं जा सके, जिसके चलते अनेक विकास परियोजनाएं ठप हो गई हैं।
चीन के शानक्सी प्रांत की है कर्जाई हुई 28 साल की युवती
अब इस देश (चीन) के शानक्सी प्रांत की करीब 28 साल की एक युवती के कंगाल हो जाने की घटना सामने आई है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक एक दोस्त के साथ मिलकर चलाए गए कारोबार में नाकाम हो इस महिला ने धन संचय करने के बारे में सोचा तो लॉटरी टिकट खरीदने की ठानी। पहले एक ही बार में उसने 2 लाख रुपए के लॉटरी टिकट खरीदे और फिर तो यह लत ही बन गई। लत इतनी बुरी लगी कि जब उसके पास लॉटरी के लिए पैसे नहीं होते थे तो वह उधार लेकर लॉटरी टिकट खरीदती थी। क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन लोन फैसिलिटीज के जरिये उसने तीन में लॉटरी टिकट पर 2 लाख 50 हजार युआन (भारतीय मुद्रा में 28 लाख रुपए) से ज्यादा का कर्ज हो गया।
जानकारी यह भी मिली है कि तीन महीने के अंतराल के बाद बीते दिनों जब उसके किसी लॉटरी टिकट पर सबसे बड़ा इनाम 1 हजार युआन यानि 11 हजार भारतीय रुपए का निकला है। एक बार तो आत्महत्या की नौबत आ गई, लेकिन न जाने कैसे किसी सज्जन की राय ने उसका अनमोल जीवन बचा लिया। अब इस बुरी आदत को छोड़कर उसने नई नौकरी पकड़ी है और उसकी मदद से कर्ज उतारने की जुगत में लगी है।
सोच-समझकर लेना चाहिए रिस्क
इस चीनी महिला के साथ घटी घटना लॉटरी आदि के चक्कर में पड़े दुनिया के लाखों-करोड़ों लोगों के लिए एक सीख है। हमें अपने धर्म शास्त्रों और बड़े-बुजुर्गों की अच्छी बातों पर ध्यान देना चाहिए, जो अपनी-अपनी भाषा में 'तेते पांव पसारिये, जेती लांबी सोर...' का जीवनमंत्र देते रहते हैं। इन हितोपदेशों को न मारकर बहुत से लोग मौत के आगेश में चले जाते हैं और मरते भी नहीं तो कम से कम जिंदगी इतनी नरक हो जाती है, आदमी जिंदा लाश बनकर रह जाता है। ऐसे में हमें किसी भी तरह की गलत आदत को न पालकर अपनी जिंदगी को सहज तरीके से जीना चाहिए।