होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Maldives Election: क्या मुइज्जू को फिर मिलेगा जनता का साथ! मालदीव में भारत विरोधी लहर का कितना असर?

Maldives Multiparty Parliamentary Election: मालदीव में रविवार को बहुदलीय संसदीय चुनाव होने हैं। जिसमें राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत विरोधी नीतियों और फैसलों का परीक्षण भी होना है। जनता के बीच इन नीतियों का कितना असर है? यह लोग वोटिंग से तय कर देंगे। भारत कभी नहीं चाहेगा कि मुइज्जू की पार्टी की जीत हो।
07:29 AM Apr 21, 2024 IST | News24 हिंदी
मुइज्जू के साथ पीएम मोदी।
Advertisement

Maldives India Row: मालदीव में बहुदलीय संसदीय चुनाव रविवार को होने हैं। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की विवादास्पद भारत नीति और भारतीय सुरक्षा बलों के निष्कासन को लोग कितना पसंद करते हैं। इस सबका फैसला लोग बहुमत से करेंगे। वहीं, भारत यही चाहेगा कि मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ही इस चुनाव में जीत दर्ज करे। एमडीपी को भारत समर्थक माना जाता है। मालदीव में चौथी बार बहुदलीय संसदीय चुनाव होने हैं। हालांकि एमडीपी के नेता और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने अपनी पार्टी की जीत का दावा किया है।

Advertisement

यह भी पढ़ें: मालदीव को पड़ जाएंगे खाने के लाले! भारत से पंगे के बाद ताजा आंकड़े देख उड़ जाएंगे मुइज्‍जू के होश

उन्होंने कहा कि मुइज्जू पिछले 5 महीने में देश और विदेश, दोनों जगहों पर नाकाम साबित हुए हैं। मालदीव में लगातार लोकतंत्र खतरे में जा रहा है। झूठ और नफरत फैलाकर काम नहीं हो सकता। मालदीव में विकास कार्य ठप पड़े हैं। स्वामित्व वाली कंपनियों में कर्मियों को धमकाया जा रहा है। प्रतिशोध की भावना से काम किया जा रहा है। विपक्ष के हजारों लोगों को नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। जरूरी सेवाओं की आपूर्ति रोकने की मांग हो रही है। देश के सामाजिक और सैद्धांतिक मूल्यों को नष्ट किया जा रहा है। जिसका जवाब लोग वोट की चोट से देंगे।

Advertisement

जनता एमडीपी को ही सपोर्ट करेगी-अब्दुल्ला

अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि एमडीपी बहुमत लेकर आएगी, ऐसा उनको विश्वास है। 2019 में उन लोगों को 65 सीटें मिली थीं, लेकिन दलबदल के कारण बाद में बहुमत कम हो गया। सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) गठबंधन को एमडीपी में दलबदल के कारण ही फायदा मिला था। पिछले महीने ही संसद में दलबदल कानून पारित किया गया है। पिछला चुनाव चीन समर्थक मुइज्जू ने जीता था। इसमें एमडीपी के पूर्ववर्ती इब्राहिम सोलिह की हार हुई थी। सोलिह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और चीन के आमने-सामने रहे थे।

यह भी पढ़ें: Explainer: भारत-मालदीव विवाद के बीच कूदे ड्रैगन ने दिए बड़े संकेत, मोइज्जू की चीन यात्रा से हासिल?

दिल्ली से पहले बीजिंग जाने वाले राष्ट्रपति

जनवरी में मुइज्जू ने बीजिंग का दौरा कर अपने चीन समर्थक होने का प्रमाण था। जहां कई समझौतों का करार किया गया था। वे मालदीव के पहले राष्ट्रपति बने थे, जिन्होंने दिल्ली से पहले बीजिंग का रुख किया। मालदीव के जलक्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति से पीछे हटने और नौसैनिक हेलिकॉप्टरों का संचालन करने वाले सैनिकों को बाहर करने का फरमान भी राष्ट्रपति बनते सुनाया था। इंडिया आउट अभियान के दम पर चुनाव जीतने वाले मुइज्जू कई बार भारत के खिलाफ टिप्पणी कर चुके हैं। अब लोगों में इसका कितना असर है, यह चुनाव परिणाम तय करेंगे।

Open in App
Advertisement
Tags :
Maldives New President Mohamed Muizzu
Advertisement
Advertisement