भारत क्यों आ रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, PM Modi से किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
Maldives President India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 6 से 10 अक्टूबर तक भारत यात्रा पर रहेंगे। मुइज्जू की भारत की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। इससे पहले जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए मुइज्जू भारत आए थे। विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा की पुष्टि की है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान जारी किया कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत होगा। दोनों देशों के आपसी संबंधों को गति मिलेगी। मुइज्जू की भारतीय यात्रा को राजकीय दर्जा दिया गया है। भारत और मालदीव के बीच संबंधों में कड़वाहट के बीच यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।
मई में भारत आए थे मुइज्जू
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में छह देशों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी। जिसमें मुइज्जू भी शामिल थे। मुइज्जू नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति बने थे। जो 'इंडिया आउट' अभियान को लेकर चर्चाओं में रह चुके हैं। मुइज्जू ने भारत पर मालदीव की निर्भरता कम करने के लिए कदम उठाए थे। मुइज्जू ने हिंद महासागर द्वीप समूह में तैनात 85 भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की थी। जिसके बाद भारत के साथ मालदीव के संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। लेकिन हाल ही में दोनों देश नरमी के संकेत दे चुके हैं। मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर मई में भारत आए थे। अगस्त में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मालदीव का दौरा कर चुके हैं।
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सितंबर में भारत ने मालदीव की इस्लामिक बॉन्ड भुगतान पर चूक के जोखिम से बचने के लिए मदद की थी। जिसमें 50 मिलियन डॉलर (4,20,19,02,500 रुपये) के सरकारी ट्रेजरी बिलों की सदस्यता को एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मुइज्जू के भारत दौरे की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि भारत मालदीव के साथ संबंधों को महत्व देता है। मुइज्जू का भारत दौरा इसका सबूत है। मुइज्जू के भारत दौरे से दोनों देशों के संबंध अधिक प्रगाढ़ होंगे। भारत मालदीव को हिंद महासागर में प्रमुख समुद्री पड़ोसी मानता है। भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति रही है।
मुइज्जू के कार्यालय ने जारी किया बयान
इस बीच मालदीव की राजधानी माले से मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय ने भी बयान जारी किया है। जिसमें भारत दौरे को लेकर कहा गया है कि उनकी चर्चा द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने को लेकर होगी। दोनों देश दीर्घकालिक संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करेंगे। पीएम मोदी के अलावा मुइज्जू राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे। इसके अलावा मुइज्जू कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु भी जाएंगे। यहां मालदीव के एक बड़े प्रवासी समुदाय से भेंट करेंगे। मुइज्जू को चीन का करीबी नेता माना जाता है। लेकिन हाल में उन्होंने भारत विरोधी बयानों को कम कर दिया है।
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