होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

NASA का हाई अलर्ट, कल की रात दुनिया पर पड़ेगी भारी! धरती की ओर 72 लाख KM की रफ्तार से आ रही 'तबाही'

NASA Latest Alert Update: नासा ने ताजा अलर्ट जारी किया है। दो एस्टेरॉयड तेजी से धरती की ओर आ रहे हैं। जिसको लेकर चेतावनी जारी की गई है। दोनों एस्टेरॉयड में से एक हवाई जहाज के आकार का है। वैज्ञानिक इनके ऊपर बारीकी से नजर रख रहे हैं। एक और खास बात वैज्ञानिकों ने बताई है।
07:13 PM Sep 23, 2024 IST | Parmod chaudhary
Advertisement

NASA Latest Alert: नासा ने अलर्ट जारी किया है कि दो क्षुद्रग्रह तेजी से धरती की ओर आ रहे हैं। 24 सितंबर की रात को ये धरती के बिल्कुल पास से गुजरेंगे। नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के अनुसार 2020 GE और 2024 RO11 नामक दो बड़े क्षुद्रग्रह सुरक्षित तौर पर धरती के काफी नजदीक से गुजरेंगे। टकराव के जोखिम से वैज्ञानिकों ने पूरी तरह इन्कार किया है। खगोलविद दूरबीन की मदद से इनके ऊपर नजर रख रहे हैं। दोनों में से एक का आकार हवाई जहाज के बराबर है। दोनों एस्टेरॉयड 72 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी के पास से गुजरेंगे।

Advertisement

यह भी पढ़ें:हाफ पैंट वाली गोल्ड मेडलिस्ट ‘नानी’ कौन? कैसे तय किया घुटनों के दर्द से Weighlifting का सफ़र

24 सितंबर 2024 की रात को ये पृथ्वी के बिल्कुल पास से गुजरने वाले हैं। क्षुद्रग्रह 2020 GE का आकार छोटा है। जिसका व्यास लगभग 26 फीट बताया जा रहा है। जो बस के आकार का है। यह चांद की कक्षा से आगे निकलकर धरती के पास से गुजरेगा। वहीं, क्षुद्रग्रह 2024 RO11 का व्यास 120 फीट है, जो धरती से 4850000 मील (7805318.4 KM) की दूरी से गुजरेगा। यह दूरबीन के बिना दिखाई नहीं देगा। वहीं, नासा के अनुसार 25 सितंबर को एक और क्षुद्रग्रह भी धरती के पास से गुजरेगा। इसका नाम 2024 RK7 है, जिसका व्यास लगभग 100 फीट है। इसके भी धरती से टकराने के आसार नहीं हैं। सुरक्षित रूप से पृथ्वी के पास से गुजर जाएगा। यह 2024 RO11 से छोटा है।

Advertisement

बिना दूरबीन भी दिख जाते हैं उल्का पिंड

पिछले कुछ दिन से लगातार कोई न कोई एस्टेरॉयड धरती की तरफ आ जाता है। जिसके बाद वैज्ञानिक अलर्ट जारी करते हैं। बता दें कि एस्टेरॉयड खनिज पदार्थों और धातु का मिश्रण होते हैं। दिखने में ये चट्टान जैसे होते हैं। एस्टेरॉयड ग्रहों की परिक्रमा के दौरान धरती के करीब से गुजरते हैं तो कुछ घूमते-घूमते वायुमंडल में भी आ जाते हैं। तब इनको उल्का पिंड के तौर पर जाना जाता है। लोगों को ये नंगी आंखों (बिना दूरबीन) से भी नजर आ जाते हैं। आकाश में ये उल्का पिंड चमकीली रोशनी के तौर पर दिखते हैं। एस्टेरॉयड सौर मंडल के अवशेष हैं, जो 4.6 बिलियन वर्ष पहने बने थे। जब ग्रह अपने आकार में आ रहे थे, तब मिट्टी और गैस के कण आपस में टकराकर छोटे-छोटे टुकड़ों में तब्दील हो गए। बाद में इनको एस्टेरॉयड कहा जाने लगा।

यह भी पढ़ें:हेल्थ इंश्योरेंस कस्टमर्स सावधान! 3.1 करोड़ लोगों का डेटा, मेडिकल रिपोर्ट और मोबाइल नंबर लीक

Open in App
Advertisement
Tags :
Asteroid NewsNASA Alert
Advertisement
Advertisement
दुनिया ट्रेंडिंग मनोरंजन वीडियो