192 मौतें और 50 लापता; नेपाल में 'काल' बनी बारिश; बाढ़-भूस्खलन से बिगड़े हालात
Nepal Landslide Kathmandu Deaths: नेपाल में बाढ़ ने एक बड़ी त्रासदी का आकार ले लिया है। जहां भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं बाढ़ के कारण कई लोगों की जान चली गई है। नेपाल की राजधानी काठमांडू के पास बड़ा भूस्खलन देखने को मिला है। कई बसें और गाड़ियां इसकी चपेट में आ गई और अंदर बैठे लोगों की मौत हो गई। इस घटना से पूरे नेपाल में हड़कंप मच गया है। रविवार को सामने आए मौत के आंकड़ों ने हर किसी को हैरान कर दिया है। मलबे में दबी बसों से लाशों के ढेर बाहर आ रहे हैं। मृतकों की संख्या बढ़कर 192 हो गई है।
3 दिन की बारिश ने मचाई तबाही
दरअसल नेपाल में पिछले 3 तीन दिन से भारी बारिश हो रही है। आलम यह है कि कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी हैं। नदियों का रौद्र रूप बाढ़ का कारण बन गया है। वहीं लगातार तेज बरसात के चलते नेपाल में भयंकर भूस्खलन देखने को मिला है। नेपाल की राजधानी काठमांडू से महज 16 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ भरभरा कर नीचे गिर पड़ा। इससे सड़कें टूट गईं और बस समेत तमाम गाड़ियां मलबे के नीचे दब गईं।
मलबे में दबे कई शव
भूस्खलन की जानकारी मिलने के बाद बचाव टीम मौके पर पहुंची। नेपाल पुलिस और बचाव टीम ने मलबे में दबे शव निकालने शुरू किए, तो गिनती खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मलबे में दबी 2 बसों में से 14 लाशें बरामद की गई हैं। वहीं अन्य गाड़ियों में से 23 शव निकले हैं। इसी के साथ नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की तादाद 192 हो गई है। भूस्खलन से जमा मलबे के कारण काठमांडू शहर की तरफ जाने वाले 3 हाईवे बंद हो चुके हैं।
काठमांडू में 34 लोगों की गई जान
नेपाल पुलिस के अनुसार बाढ़ और भूस्खलन के कारण 101 लोग बुरी तरह से घायल हैं और 50 लोग अभी तक लापता हैं। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन होने की संभावना है, जिससे मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। काठमांडू में बाढ़ के कारण 34 लोगों की जान गई है। हालांकि 3 दिन की मूसलाधार बारिश के बाद नेपाल ने थोड़ी राहत की सांस ली है। बारिश धीमी होते ही जलस्तर कम होने लगा है और बाढ़ का खतरा टलता नजर आ रहा है।
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