घरों-सड़कों को विशाल बैटरियों में बदल देगी ये नई सीमेंट! तस्वीर बदल सकती है नई खोज
कंक्रीट को यूं तो पर्यावरण के लिए बहुत खराब माना जाता है, लेकिन यह दुनिया में पानी के बाहर सबसे ज्यादा कंज्यूम होने वाला प्रोडक्ट भी है। पूरी दुनिया में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) का जितना उत्सर्जन होता है उसमें 8 प्रतिशत केवल सीमेंट और कंक्रीट के निर्माण से होता है। सीमेंट और कंक्रीट निर्माण से हर साल 4 अरब टन से ज्यादा ग्रीन हाउस गैस निकलती हैं। लेकिन, वैज्ञानिकों ने एक नया मैटीरियल विकसित किया है जो इस समस्या का समाधान करने के साथ-साथ बिजली की समस्या भी खत्म कर सकता है।
अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के रिसर्चर्स ने ने पानी, सीमेंट और कार्बन ब्लैक नाम के एक पदार्थ को मिलाकर एक एनर्जी स्टोरेज डिवाइस तैयार की है। इसे सुपरकैपेसिटर नाम दिया गया है। यह एक कंक्रीट की बनी एक विशाल बैटरी की तरह है। एमआईटी के एक वैज्ञानिक और इन रिसर्च में शामलि रहे एडमिर मेसिक का कहना है कि यह मैटीरियल शानदार है। कार्बन ब्लैक की वजह से यह बेहद कंडक्टिव है और वॉटर रिपेलिंग भी है। रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में यह बड़ी क्रांति ला सकता है।
हल हो सकती है एनर्जी स्टोरेज की चुनौती
इसका इस्तेमाल रिन्यूएबल एनर्जी को स्टोर करने में किया जा सकता है। इसके लिए इसका प्रयोग सड़कों का निर्माण करने में किया जा सकता है। इससे हाईवे खुद सोलर एनर्जी स्टोर कर सकेंगे और इस एनर्जी का इस्तेमाल उन पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में किया जा सकता है सामान्य बैटरी की तुलना में कैपेसिटर्स ज्यादा तेजी से एनर्जी रिलीज करते हैं, इसीलिए उन्हें डेली लाइफ में पावर स्टोरेज के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है। पर इनकी एफिशिएंसी बेहतर होती है और परफॉरमेंस जल्दी डिग्रेड नहीं होती।
घर बनाने में किया जा सकता है इस्तेमाल!
सड़कों के अलावा इसका इस्तेमाल बिल्डिंग मैटीरियल की तरह भी किया जा सकता है। रिसर्चर्स की कैलकुलेशन के अनुसार कार्बन ब्लैक सीमेंट मिक्स के 45 क्यूबिक मीटर के 45 ब्लॉक एक ओलंपिक स्विमिंग पूल को भर सकते हैं। इतने ब्लॉक एक औसत अमेरिकी घर को पावर देने के लिए पर्याप्त एनर्जी स्टोर कर सकते हैं। साथ की इसमें मिली कंक्रीट मजबूती प्रदान करती है। ऐसे में रिसर्चर्स का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी बेहद प्रॉमिसिंग है। यह कंक्रीट के भविष्य को एक नए नजरिए के साथ देखने में मदद करती है।