साल 1992: 6400 फुट की ऊंचाई पर आग का गोला बन गया था विमान, मारे गए 200 लोग...BOEING 747 की कहानी
NewYork JFK Airport Accident: अमेरिका के शिफोल में 32 साल पहले हुआ विमान हादसा आज भी डर पैदा कर देता है। 4 अक्टूबर 1992 को हुई इस घटना को घातक विमानन आपदा माना जाता है। बोइंग 747 जब कंट्रोल से बाहर हुआ, तो पायलट के लास्ट वर्ड थे...नीचे जा रहा हूं। न्यूयॉर्क के जेएफके हवाई अड्डे से फ्लाइट इजराइल के तेल अवीव के गुरियन हवाई अड्डे के लिए शुरू हुई थी। जिसे एम्स्टर्डम शिफोल (एएमएस) में रुकना था। हादसे में 200 लोग मारे गए थे। मालवाहक उड़ान एलअल 1862 अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई थी। लेकिन उड़ान जैसे ही शिफोल से रवाना हुई, सात मिनट बाद ही प्लेन क्रैश हो गया। लोगों ने धमाके की आवाज सुनी, गिरते जहाज, मलबे और धुएं के निशान देखे थे।
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प्रत्यक्षदर्शी इसे आज भी याद कर सिहर उठते हैं। जहाज जब 6400 फीट की ऊंचाई पर था, एकदम चार इंजनों में से दो दाहिने पंख की ओर गिर गए थे। इंजनों का एक विंग पूरी तरह से अलग हो गया था। इसके बाद एक विंग स्लैट को तबाह करने के बाद यह दूसरे इंजन से टकरा गया था। पायलट अर्नोन ओहद ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल पर संदेश भेजा था कि हम लगातार नीचे जा रहे हैं। वहां मौजूद कैप्टन यित्जाक फुच्स की ओर से उनको हिब्रू फ्लैप ऊपर उठाने और लैंडिंग गियर नीचे करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन विमान संभला नहीं और एम्स्टर्डम के बिजलमेरमीर में दो ऊंचे अपार्टमेंट ब्लॉकों पर जाकर गिर गया था।
आग का गोला बना विमान ब्लास्ट हो गया था, जिसके कारण इमारतें अंदर की ओर ढह गई। दर्जनों अपार्टमेंट पल भर में नष्ट हो गए। आंकड़ों के अनुसार विमान में मौजूद 4 और नीचे मौजूद 39 लोग मारे गए थे। लेकिन पुलिस मानती है कि 200 लोग मारे गए थे। क्योंकि अधिकतर लोग अप्रवासी थे, जो रिकॉर्ड में नहीं थे।
लोगों को लंबे समय तक हुई थी परेशानी
मरने वाले चालक दल के चार लोगों में शामिल एक 23 वर्षीय कर्मी शादी के लिए तेल अवीव जा रहा था। एक अपार्टमेंट में मार्लिन और स्टेनली के किशोर बच्चे मारे गए थे। जो उस समय टीवी देख रहे थे। वे लोग धमाके की आवाज सुनकर भयभीत हो गए थे। दंपती उस समय घर नहीं था। मौके पर 26 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 11 गंभीर हालत में अस्पताल ले जाए गए थे। दुर्घटना के छह साल बाद पता चला था कि विमान के कार्गो में मानव निर्मित रासायनिक एजेंट के कारण खराबी आई थी। दुर्घटना के बाद कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का लंबे समय तक सामना करना पड़ा था।