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क्या है ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम? पाकिस्तान ने जिसके लिए US से मांगे छोटे हथियार

Operation Azm-e-Istehkam: पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ हाल ही में ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम शुरू करने का ऐलान किया था। अब उसकी किरकिरी हो रही है। पाकिस्तान के पास छोटे हथियार नहीं है। जिसकी डिमांड उसने अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाकर की है। पीएम शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन का ऐलान किया था।
05:42 PM Jun 29, 2024 IST | Parmod chaudhary
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ।
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Pakistan New Military Operation: पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम (स्थिरता के लिए संकल्प) शुरू करने का ऐलान किया था। इस ऑपरेशन का मकसद टीटीपी और दूसरे आतंकी गुटों का सफाया करना है। पीएमओ ने ऑपरेशन लॉन्च करने की घोषणा कर दी, लेकिन अब एक बात के कारण पाकिस्तानी सरकार की किरकिरी हो रही है। पाकिस्तान ने ऑपरेशन से पहले पूरी तैयारियां ही नहीं कीं। उसके पास आतंकियों से लड़ने के लिए छोटे हथियार ही नहीं है। जिसकी डिमांड पाकिस्तान ने अमेरिका से की है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार यूएस में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने कहा कि ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम की सफलता के लिए उसे छोटे हथियारों और अन्य जरूरी उपकरणों की जरूरत है।

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पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ लॉन्च किया है ऑपरेशन

पाकिस्तान ने आतंकियों के सफाए के लिए ही इस ऑपरेशन को लॉन्च किया है। मसूद खान ने वॉशिंगटन डीसी के विल्सन सेंटर में कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अज्म-ए-इस्तेहकाम का मकसद आतंकियों के नेटवर्क को तबाह करना और इलाके में अमन कायम करना है। जिसके लिए पाकिस्तानी सेना को बड़े हथियारों की जरूरत है। मसूद खान ने जोर दिया कि अमेरिका और पाक को एक-दूसरे से संबंध मजबूत करने होंगे। खुफिया सहयोग भी दोनों देशों को बढ़ाने की जरूरत है। उन्नत सैन्य उपकरण अमेरिका को पाकिस्तान को मुहैया करवाने होंगे। अमेरिकी उपकरणों की सप्लाई नियमित रूप से पाकिस्तान को होनी चाहिए। इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और आतंक को रोकने में मदद मिलेगी।

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मसूद खान ने कहा कि किसी भी मामले में दोनों देशों के बीच अड़चन नहीं आनी चाहिए। अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा समझौतों का अलग ही महत्व है। अमेरिका को काबुल में कूटनीतिक वापसी करनी है तो पाकिस्तान को भी साझीदार बनाना होगा। पाकिस्तान सरकार ने इसी सप्ताह आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेहकाम को शुरू करने का ऐलान किया था। कई इलाकों में आतंकी लगातार सेना को निशाना बना रहे हैं।

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