पाकिस्तान में कैसे चुना जाता है राष्ट्रपति, यहां जानें पूरा प्रोसेस
Pakistan President Election Process : विवादों में रहे आम चुनाव के बाद पाकिस्तान में शनिवार को राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था और आसिफ अली जरदारी को इस पद के लिए चुना गया था। राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में इस चुनाव को देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में काफी अहम माना जाता है। नया राष्ट्रपति चुनने के लिए यहां के 1000 से ज्यादा सांसदों ने वोट किया था।
हालांकि, सत्ताधारी गठबंधन के उम्मीदवार आसिफ अली जरदारी को लेकर पहले ही स्पष्ट था कि वह जीतने वाले हैं। उनके सामने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थित महमूद खान थे। अब पाकिस्तान को शहबाज शरीफ के रूप में प्रधानमंत्री और आसिफ अली जरदारी के रूप में राष्ट्रपति मिल गया है। इस रिपोर्ट में जानिए पड़ोसी देश में राष्ट्रपति किस तरह चुना जाता है।
क्या है राष्ट्रपति चुनने का फॉर्मूला
पाकिस्तान में राष्ट्रपति का चुनाव सीक्रेट बैलट के जरिए किया जाता है। यह पद संवैधानिक रूप से गैर-पक्षपातपूर्ण होता है इसलिए क्रॉस पार्टी वोटिंग को दलबदल के रूप में नहीं देखा जाता। इस चुनाव का फॉर्मूला संविधान के दूसरे शेड्यूल में दिया गया है। इसके अनुसार एक सीनेटर, नेशनल असेंबली के एक सदस्य और बलूचिस्तान असेंबली के एक सदस्य के वोट को एक माना जाता है।
वहीं, प्रांतीय असेंबली की बात करें तो इसमें सबसे कम सदस्यों वाली असेंबली के वोट की संख्या हर प्रांतीय विधानसभा पर लागू होती है। सदस्यों की सबसे कम संख्या बलूचिस्तान असेंबली (65) में है। इसलिए सभी तीन (सिंध, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा) प्रांतीय असेंबली में कुल वोट की संख्या 65-65 ही मानी जाती है। उदाहरण के तौर पर पंजाब असेंबली में 371 सदस्य हैं। अगर हम 371 को 65 से विभाजित करें तो लगभग 5.70 मिलता है। इसका मतलब है कि पंजाब असेंबली के 6 सदस्यों की गिनती 1 वोट के रूप में की जाएगी।
चुनाव लड़ने के क्या हैं क्राइटेरिया
पाकिस्तान के संविधान के अनुसार राष्ट्रपति के लिए तीन क्राइटेरिया पूरे करने जरूरी हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का मुसलमान होना जरूरी है, उसकी उम्र 45 साल से कम नहीं होनी चाहिए और वह नेशनल असेंबली का सदस्य चुने जाने के योग्य होना चाहिए। इसके अलावा एक व्यक्ति केवल दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। अगर राष्ट्रपति चुना गया व्यक्ति नेशनल या प्रांतीय असेंबलीका सदस्य है तो उसे वह सीट छोड़नी पड़ती है।
यहां के प्रेसिडेंशियल इलेक्शंस रूल्स 1988 के अनुसार पाकिस्तान चुनाव आयोग राष्ट्रपति चुनाव के आयोजन की देखरेख करता है। चीफ इलेक्शन ऑफिसर इसमें रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका निभाते हैं। संसद भवन में नेशनल असेंबली के सदस्य और प्रांतीय असेंबली में वहां के सदस्य वोट करते हैं। सभी जगहों पर चुनाव एक साथ होता है। चुनाव आयोग की प्रिसाइडिंग अधिकारियों की नियुक्ति करता है जो आम तौर पर चीफ जस्टिस होते हैं।
वोटिंग होने के तुरंत बाद मतगणना
मतदान होने के तुरंत बाद उम्मीदवारों या उनके एजेंट्स की मौजूदगी में मतगणना शुरू की जाती है। रिटर्निंग ऑफिसर मतों की गणना करने के बाद परिणाम का ऐलान करता है। चुनाव आयोग परिणीम एकत्र करता है और विजेता की घोषणा करता है। अंत में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस नए राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण कराते हैं।