पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसेना एयर स्टेशन पर हमला, मजीद ब्रिगेड ने ली जिम्मेदारी
Pakistan Naval Air Station Attacked : पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसेना एयर स्टेशन पीएनएस सिद्दीकी पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है। तुरबत में हुए इस हमले की जिम्मेदारी बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की मजीद ब्रिगेड ने ली है। बता दें कि बीएलओ को पाकिस्तान सरकार की ओर से प्रतिबंधित घोषित किया जा चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार हमले के दौरान गोलियां चलने की और बम धमाकों की आवाजें सुनाई दीं।
बलोचिस्तान में चीनी निवेश के खिलाफ है मजीद ब्रिगेड
आपको बता दें कि मजीद ब्रिगेड बलोचिस्तान में चीन की ओर से किए जा रहे निवेश का सख्त विरोध करता है। उसका कहना है कि चीन और पाकिस्तान इस क्षेत्र के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। बलोचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार बीएलए ने दावा किया है कि उसके लड़ाके एयर स्टेशन के अंदर पहुंच गए हैं। जानकारी के अनुसार एयर स्टेशन पर हुए इस हमले के दौरान मजीद ब्रिगेड ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और कई बम भी फेंके।
4 हेलीकॉप्टर 3 ड्रोन तबाह, कई सैनिकों की गई जान
रिपोर्ट्स के अनुसार पीएनएस सिद्दीकी पर हमला करने के दौरान मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों ने पाकिस्तानी बलों के 4 हेलीकॉप्टर और 3 ड्रोन तबाह कर दिए हैं। इस लेकर बीएलए ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी की है। इसमें एक लड़ाके को यह कहते सुना जा सकता है कि लड़ाई चल रही है और हमारे सभी साथी सुरक्षित हैं। हम पीएनएस सिद्दीकी के अंदर हैं। हमने दुश्मन की कई संपत्तियों को नष्ट कर दिया है और कई दुश्मनों को जहन्नुम भेज दिया है।
तुरबत हॉस्पिटल में इमरजेंसी, इस साल तीसरा हमला
हमले को देखते हुए तुरबत के टीचिंग हॉस्पिटल में इमरजेंसी लागू कर दी गई है। सभी डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर पहुंचने का निर्देश दिया गया है। यह मजीद ब्रिगेड की ओर से किया गया इस सप्ताह का दूसरा और इस साल का तीसरा हमला है। इससे पहले मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों ने 29 जनवरी को माछ शहर में हमला किया था। इसके बाद 20 मार्च को इसने ग्वादर में स्थित पाकिस्तान के मिलिट्री इंटेलिजेंस के मुख्यालय पर हमला किया था।
चीन के दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का हिस्सा है ग्वादर पोर्ट
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अनुसार ग्वादर में हुए हमले में कम से कम 2 सैनिकों और 8 आतंकियों की जान गई थी। बता दें कि ग्वादर पोर्ट का नियंत्रण चीन के पास है। यहां उसके ड्रोन भी तैनात हैं। यह पोर्ट चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) प्रोजेक्ट के लिए काफी अहम है। इसके तहत करोड़ों की लागत से सड़कें और एनर्जी प्रोजेक्ट्स बनाए जाने हैं। यह चीन के बेल्ड एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरई) का हिस्सा भी है।
ये भी पढ़ें: पापुआ न्यू गिनी पर दोहरी मार, बाढ़ के साथ भूकंप ने मचाई तबाही
ये भी पढ़ें: अरुणाचल को लेकर भारत को किसलिए बार-बार उकसाता है चीन