होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

3 सेकेंड में जिंदा जले 67 लोग, रनवे पर मलबा और लाशें बिखरीं; इमरजेंसी लैडिंग करते समय प्लेन बिजली की तारों से टकराया

Today History in Hindi:: आज के दिन क्यूबा में बिजली की तारों से टकराकर प्लेन में आग लगी थी और करीब 67 लोग जिंदा जलकर मर गए थे। जहाज का मलबा और लाशें रनवे पर बिखर गई थीं। जिसने भी वह मंजर देखा, आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है।
07:43 AM May 27, 2024 IST | Khushbu Goyal
लैंडिंग करते समय रनवे के पास हुआ था भीषण हादसा।
Advertisement

Aeroflot Flight 331 Crash Memoir: इमरजेंसी लैंडिंग करते समय 3000 फीट की ऊंचाई से नीचे आते समय जहाज बिजली की लाइनों से टकरा गया और जोरदार धमाके के साथ प्लेन रनवे पर आग का गोला बन गया। प्लेन में सवार 67 लोग जिंदा जल गए। हालांकि पायलट ने बिजली की लाइनें देखीं और प्लेन को थोड़ा ऊपर करके बचने का प्रयास किया, लेकिन वह लाइनों को तोड़ता हुआ निकल गया, जिससे दाईं साइड का आउटबोर्ड विंग फ्लैप टूट गया।

Advertisement

इसके बाद 3 सेकेंड के अंदर जहाज विमान का दूसरा विंग जमीन से टकराया और जोरदार धमाका हो गया। आग लगने से जहाज आसमान में टुकड़े-टुकड़े होकर गिर गया। आगे वाला हिस्सा पूरी तरह जलकर राख हो गया और उसमें सवार लोग मारे गए। 2 जोग जिंदा बचे थे और हादसे का जिम्मेदार पायलट को ठहराया गया था। आज भी लोगों के जेहन में आंखों से देखे गए उस हादसे की यादें ताजा हैं। वहीं विमान हादसा क्यूबा के इतिहास का सबसे घातक हादसा था।

यह भी पढ़ें:टर्बुलेंस में फंसी Qatar Airways की फ्लाइट; 12 लोग घायल, Boeing का था विमान

स्टॉपेज पर नए क्रू ने संभाल ली थी कमान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयरोफ्लोट फ्लाइट 331 एक इल्यूशिन Il-62M द्वारा संचालित इंटरनेशनल फ्लाइट थी, जो 27 मई 1977 को क्यूबा के हवाना में जोस मार्टी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 1 किलोमीटर (0.62 मील) दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। खराब मौसम के कारण इमरजेंसी लैंडिंग कराई जा रही थी कि प्लेन रनवे पर क्रैश हो गया। प्लेन CCCP-86614 के रूप में रजिस्टर्ड था और हादसे के समय तक प्लेन 5,549 घंटे उड़ चुका था।

Advertisement

इसकी फ्लाइट ने आने-जाने के मिलाकर 1144 चक्कर पूरे कर लिए थे। प्लेन 1975 में एयरोफ्लोट एयरलाइन को सौंप दिया गया था। पुर्तगाल के लिस्बन में स्टॉपेज के समय नए क्रू ने प्लेन की कमान संभाल ली थी। 5 सदस्यीय क्रू में कैप्टन विक्टर ओरलोव, सह-पायलट वसीली शेवेलेव, नेविगेटर अनातोली वोरोब्योव, फ्लाइट इंजीनियर यूरी सुसलोव और रेडियो ऑपरेटर एवगेनी पानकोव शामिल थे। प्लेन में 5 फ्लाइट अटेंडेंट थे।

यह भी पढ़ें:पिता की हत्या का आरोप कबूल करवाने के लिए पुलिस ने किया टॉर्चर, शख्स को मिला 8 करोड़ का हर्जाना

जांच रिपोर्ट में क्रू की गलतियां गिनाई गईं

मीडिया रिपोर्टhttps://en.wikipedia.org/wiki/Aeroflot_Flight_331 के अनुसार, प्लेन ने लिस्बन एयरपोर्ट से उड़ान भरी, लेकिन हवाना के पास पहुंचने पर क्रू मेंबर्स ने मौसम खराब होने और दिशा भटकने की बात ATC को बताई। ATC अधिकारियों ने प्लेन को 15,000 फीट (10,700 से 4,600 मीटर) नीचे उतरने की अनुमति दी। उसके बाद 3,000 फीट (910 मीटर) नीचे उतरने की अनुमति दी गई। उस समय घने बादल छाए थे और दृश्यता 8 किलोमीटर (5.0 मील; 4.3 नॉटिकल मील) थी और 40 मीटर (130 फीट) की ऊंचाई पर घना कोहरा था।

लैंडिंग करते समय पायलट ने बिजली की तारों से बचने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहा और प्लेन क्रैश हो गया। हादसे में केवल 2 लोग बचे थे, एक पश्चिम जर्मन महिला और एक सोवियत पुरुष। मारे जाने वाले लोगों में गिनी-बिसाऊ के कवि और संगीतकार जोस कार्लोस श्वार्ट्ज शामिल थे। जांच में पता चला कि आखिरी पलों में क्रू मेंबर्स से गलतियां हुईं। ऊंचाई की गलत रीडिंग हुई, जिसके कारण समय से पहले प्लेन उतारना पड़ा। क्रू द्वारा रेडियो अल्टीमीटर के गलत उपयोग का भी हवाला जांच रिपोर्ट में दिया गया।

यह भी पढ़ें: वैज्ञानिकों ने खोजा पानी के अंदर 50 हजार साल पुराना शहर, दावा- पिरामिडों से पहले बना

Open in App
Advertisement
Tags :
History of the Dayspecial-newsworld news
Advertisement
Advertisement