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History: 21000 फीट ऊंचाई पर भीषण हादसा; पलटियां खाते हुए विमान जमीन पर गिरा, मारे गए 85 पैसेंजर्स

Today History in Hindi: आज के दिन का इतिहास उस विमान हादसे से जुड़ा है, जिसमें पायलट की गलती से 85 लोग जिंदा जलकर मारे गए थे। खराब मौसम होने के बावजूद पायलट ने लैंडिंग कराने की कोशिश की, लेकिन प्लेन क्रैश हो गया। आइए जानते हैं कि कहां और कब हुआ था हादसा?
10:00 AM Aug 13, 2024 IST | Khushbu Goyal
Aviaco Flight 118 Crash
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Aviaco Flight 118 Crash Memoir: फ्लाइट की लैंडिंग होने में कुछ मिनट बाकी थे और वह करीब 21 हजार फीट की ऊंचाई पर थी। 500 मील की रफ्तार से एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने की तैयारी थी, अचानक मौसम खराब हो गया। तेज हवा और भारी बारिश के दबाव से जहाज डगमगा गया। पायलट ने नीचे आकर 2 बार रनवे पर इमरजेंसी लैंडिंग कराने का प्रयास किया।

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क्रू के मना करने के बावजूद पायलट ने तीसरी बार लैंडिंग कराने का फैसला लिया। इस दौरान रनवे पर उतरते समय जहाज पेड़ों से टकराकर पलटियां खाते हुए जमीन पर गिरा। जमीन से टक्कर लगते ही प्लेन उछला और टुकड़े-टुकड़े होकर बिखर गया। हादसे में 79 पैसेंजर्स और 6 क्रू मेंबर्स समेत विमान में सवार सभी 85 लोग मारे गए। वहीं प्लेन के मलबे की चपेट में आने से एक आम नागरिक भी मारा गया।

 

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एक गांव में फार्म हाउस के कैंपस में गिरा मलबा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 51 साल पहल 13 अगस्त 1973 को हुआ था। हादसे का आधिकारिक कारण पायलट द्वारा खराब मौसम के बीच खराब विजिबिलिटी के बावजूद विमान को रनवे पर उतारने की कोशिश करके हवाई सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करना था। इस तथ्य को जांच कर्ताओं ने बेहद गंभीर माना, क्योंकि सैंटियागो डे कंपोस्टेला हवाई अड्डे पर दुर्घटना के समय विजिबिलिटी काफी अच्छी थी और यह केवल 45 किलोमीटर दूर था।

अगर पायलट ने सोचा होता तो वह उस एयरपोर्ट पर लैंडिंग कर सकता था, क्योंकि विमान में ईंधन भी पर्याप्त था। एवियाको एयरलाइंस की फ्लाइट 118 स्पेन के मोंट्रोव गांव में क्रैश हुई थी। पायलट ने घने कोहरे में अल्वेड्रो हवाई अड्डे पर उतरने का प्रयास किया था। हवाई अड्डे से लगभग 2 किलोमीटर (1.2 मील; 1.1 नॉटिकल मील) दूर फार्म हाउस के कैंपस में जहाज का मलबा गिरा। क्रैश होते ही विमान में आग लग गई थी। रेस्क्यू टीम को जला हुआ सामान और जली हुई लाशें मिली।

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ATC का मैसेज सुनने से पहले लैंडिंग का प्रयास

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्लाइट 118 मैड्रिड से ए कोरुना शह जाने के लिए टूरिस्टों की पसंदीदा फ्लाइट थी, क्योंकि गर्मियों के मौसम में छुट्टियां मनाने के लिए गैलिसिया में समुद्र किनारे बने रिजॉर्ट्स तक इस फ्लाइट के जरिए पहुंचना आसान था। विमान ने मैड्रिड एयरपोर्ट से सुबह 9:14 बजे उड़ान भरी थी। कमांडर ने 10:14 बजे ला कोरुना हवाई अड्डे पर ATC से संपर्क किया और खराब मौसम के बारे में बताया।

मौसम में जल्द सुधार की उम्मीद में आसमान में ही इंतजार करने के बाद अचानक पायलट ने लैंडिंग करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। विमान 2000 मीटर की ऊंचाई पर लौट आया। दूसरे असफल प्रयास के बाद ATC ने फ्लाइट 118 को चेतावनी दी कि कोहरा छंट रहा है और विजिबिलिटी सही होने का इंतजार करें। यह ATC टॉवर से पायलट का आखिरी कम्युनिकेशन था, क्योंकि पायलट तीसरी लैंडिंग का प्रयास कर रहा था। इससे पहले कि पायलट विमान को कंट्रोल कर पाता, वह क्रैश हो गया।

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