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History: 11000 फीट ऊंचाई से गायब हुआ विमान, 37 पैसेंजर्स लेकर कहां गया क्या हुआ, आज तक बड़ा सवाल?

Today History in Hindi: आज के दिन का इतिहास उस विमान हादसे से जुड़ा है, जिसके बारे में आज तक किसी को कुछ नहीं पता। मतलब विमान लापता हो गया और तलाश करने पर न मलबा मिला न ही लाशें। आइए जानते हैं कि हादसा कब, कहां और कैसे हुआ था?
08:32 AM Jul 21, 2024 IST | Khushbu Goyal
Canadian Pacific Air Lines Flight 3505
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Canadian Pacific Air Lines Flight 3505 Disappearance Memoir: फ्लाइट अपने सफर पर थी, करीब 11000 फीट की ऊंचाई से एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने की तैयारी थी, अचानक पायलट और क्रू मेंबर्स का ATC अधिकारियों से संपर्क टूट गया। फ्लाइट रडार से गायब हो गई। रिकवरी नहीं होने पर तलाश शुरू की गई, लेकिन आज तक न फ्लाइट का कोई सुराग लगा है और न ही किसी पैसेंजर की लाश मिली है।

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37 पैसेंजर्स लेकर प्लेन कहां गायब हो गया? क्या हुआ और कैसे हुआ? आज तक कुछ पता नहीं चला है। हारकर रेस्क्यू टीमों ने फ्लाइट की तलाश बंद कर दी, लेकिन फ्लाइट का पता नहीं चला। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने रिपोर्ट दी कि चूंकि विमान या उसके यात्रियों का कोई निशान नहीं मिला है, इसलिए फ्लाइट के लापता होने के कारण निर्धारित नहीं किए जा सकते।

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लापता हुए पैसेंजरों में ज्यादातर अमेरिका के सैनिक

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 73 साल पहले 21 जुलाई 1951 को हुआ था। कैनेडियन पैसिफिक एयरलाइंस की फ्लाइट 3505 ने डगलस डीसी-4 में उड़ान भरी थी। फ्लाइट कनाडा के वैंकूवर एयरपोर्ट से टेकऑफ हुई थी और जापान के टोक्यो में लैंड होनी थी, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के अलास्का में स्टॉपेज से पहले लापता हो गई। फ्लाइट में 31 पैसेंजर्स और 6 क्रू मेंबर्स थे। सभी 6 क्रू मेंबर्स कनाडाई थे और 31 यात्रियों में रॉयल कैनेडियन नौसेना के 2 नाविक, संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना के 26 सदस्य और 3 असैन्य अमेरिकी नागरिक शामिल थे।

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डगलस डीसी-4 विमान 4 इंजन वाला पिस्टन एयरलाइनर का जेट प्लेन था, जिसे 1944 में यूनाइटेड स्टेट्स की आर्मी और एयर फोर्स के लिए बनाया गया था, लेकिन जून 1944 में डिलीवरी के समय इसे R5D-1 नाम के साथ यूनाइटेड स्टेट्स की नेवी में भेज दिया गया। 1946 में इसे पैन अमेरिकन एयरलाइंस के लिए पैसेंजर प्लेन बना दिया और 1950 में कैनेडियन पैसिफिक एयरलाइंस को बेच दिया गया था।

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4 महीने बाद फ्लाइट की तलाश रोक दी गई

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 21 जुलाई को फ्लाइट ने टोक्यो के लिए वैंकूवर से उड़ान भरी। अलास्का के एंकोरेज एयरपोर्ट पर फ्लाइट का स्टॉपेज था। फ्लाइट अपने तय समय पर थी और एंकोरेज एयरपोर्ट से 90 मिनट की दूरी पर पर थी, लेकिन उस समय एरिया में भारी बारिश हो रही थी और बर्फीले तूफान जैसी स्थिति थी। विजिबिलिटी करीब 500 फीट (150 मीटर) थी। अचानक पायलट से संपर्क टूट गया और फिर कोई आवाज नहीं आई। हादसा होने की आशंक से एक आपातकालीन चेतावनी जारी की गई, लेकिन जब विमान को रिपोर्ट करने में देरी हो गई तो संयुक्त राज्य अमेरिका की एयरफोर्स और रॉयल कैनेडियन एयर फोन से सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन तलाश विफल रही। अंततः 4 महीने बाद 31 अक्टूबर 1951 को फ्लाइट की तलाश बंद कर दी गई।

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