History: 18000 फीट ऊंचाई पर तूफान में फंसा विमान, पलटियां खाते हुए जमीन पर गिरा, मिली 50 पैसेंजरों की लाशें
Somali Airlines Flight 40 Crash Memoir: फ्लाइट टेकऑफ हुई ही थी कि तूफान में फंस गई। भारी बारिश के कारण विमान पर दबाव बढ़ा और पायलट से कंट्रोल छूट गया। इसके बाद विमान पलटियां खाते हुए जमीन पर गिर गया। इस दौरान विमान के दोनों विंग टूट गए। जमीन से टकराते ही विमान के टुकड़े-टुकड़े हो गए और उसमें सवार सभी 50 लोग मारे गए। मरने वाले लोगों में 44 पैसेंजर्स और 6 क्रू मेंबर्स शामिल थे।
जांच रिपोर्ट में हादसे का कारण भारी बारिश और हवा के तेज झोंके बताए गए। वहीं पायलट को भी हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और कहा गया कि या तो पायलट ने मौसम का पूर्वानुमान आखिरी मूमेंट पर नहीं लिया या फिर उसने मौसम को लेकर लापरवाही बरती। पूर्वानुमान लिए बिना कि रास्ते में कहीं मौसम अचानक खराब होने के आसार हैं या नहीं, पायलट ने टेकऑफ किया और उसकी लापरवाही के कारण 50 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
खराबी के कारण फ्लाइट ने 2 बार भरी थी उड़ान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 43 साल पहले 20 जुलाई 1981 को सोमालिया में हुआ था। सोमाली एयरलाइंस की डोमेस्टिक फ्लाइट थी। सोमाली एयरलाइंस फ्लाइट 40 ने 20 जुलाई की सुबह सोमालिया के मोगादिशु इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और इसे हरगेसा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड होना था, लेकिन टेकऑफ होने के बाद कुछ ही मिनटों में विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और हादसा भी दूसरी बार उड़ान भरने के बाद हुआ।
दरअसल, उस दिन फ्लाइट ने 2 बार उड़ान भरी थी। एक बार उड़ान भरते ही टेक्निकल फॉल्ट आ गया था, जिसके चलते फ्लाइट लौट आई थी। मरम्मत करने के बाद फ्लाइट दोबारा टेकऑफ हुई, लेकिन 18000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही उस एरिया में पहुंच गई, जहां भारी बारिश हो रही थी। तेज हवा और भारी बारिश के कारण फ्लाइट से क्रू और पायलट का नियंत्रण छूट गया और विमान क्रैश होकर बालाद शहर में गिर गया।
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तेज हवा के दबाव से विमान का भार बढ़ा गया था
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसे की सूचना पुलिस और प्रशासन को लोगों ने दी। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए बचाव दल हादसास्थल पर पहुंचा तो विमान का मलबा, पैसेंजरों और क्रू मेंबर्स की जली हुई लाशें, जला हुआ सामान मिला। सोमालिया सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए तो ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग से पता चला कि विमान तेज हवाओं के भंवर में फंस गया था, जिसके चलते वह डगमगाने लगा।
हवा के एक झोंके के दबाव से विमान ने तेजी से नीचे की ओर गया, इस दौरान विमान का भार लगभग 5.76 ग्राम तक बढ़ गया, जिससे दबाव बढ़ा और विमान का राइट विंग टूट गया। पायलट और क्रू मेंबर्स ने तूफान की स्थिति का पूर्वानुमान लगाने में गलती की थी।
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