Planet 9 : सोलर सिस्टम में फिर ग्रहों की संख्या हो सकती है 9! क्या Pluto की होगी वापसी?
New Planet In Solar System : पिछले करीब एक दशक से एस्ट्रोनॉमर्स आउटर स्पेस में खोजबीन कर रहे हैं। लंबे समय से चल रहीं वैज्ञानिकों की 9वें ग्रह की तलाश के लिए ये कोशशें जल्द ही पूरी हो सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही हमारे सोलर सिस्टम में ग्रहों की संख्या फिर से 9 हो सकती है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि प्लूटो की घर वापसी हो रही है तो आप गलत हैं। असल में यह एक नया ग्रह हो सकता है, जिसकी खोज एक एडवांस्ड और स्टेट ऑफ दि आर्ट टेलीस्कोप Vera C Rubin Observatory कर सकता है। यह टेलीस्कोप अगले साल से आसमान की स्कैनिंग करना शुरू कर देगा।
यह टेलीस्कोप साल 2025 में करना शुरू कर देगा। लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले कुछ साल के अंदर यह ऑब्जर्वेटरी नया प्लैनेट ढूंढने में वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण मदद कर सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ साल से एस्ट्रोनॉमर्स इस बात को गंभीरता से लेते हुए नजर आए हैं कि आउटर स्पेस में एक नौवां ग्रह छिपा हो सकता है। इस ग्रह को Planet 9 या Planet X कहा जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्रह सोलर सिस्टम के बाकी प्लैनेट्स से अरबों मील की दूरी पर स्थित गैस या बर्फ से बना विशालकाय गोला हो सकता है। अब जल्द यह पहेली हल हो सकती है।
Earth से 10 गुना ज्यादा हो सकता है Mass
साल 2006 में प्लूटो यानी यम ग्रह को हमारे सोलर सिस्टम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद हमारे सौर मंडल में ग्रहों की संख्या 9 से 8 हो गई थी। इसके बाद से ही वैज्ञानिक आउटर सोलर सिस्टम की पड़ताल कर रहे हैं और 9वें ग्रह के संकेत ढूंढ रहे हैं। लाइव साइंस के अनुसार प्लैनेट 9 की संकल्पना पेश करने वाले एस्ट्रोनॉमर्स में से एक माइक ब्राउन का कहना है कि चिली में स्थित इस टेलीस्कोप की मदद से अगले 2 साल के अंदर इस ग्रह का पता लगाया जा सकता है। नासा के अनुसार प्लैनेट 9 की संरचना वरुण ग्रह यानी Neptune जैसी, लेकिन इसका द्रव्यमान धरती के मुकाबले 10 गुना ज्यादा हो सकता है।
2.8 मीट्रिक टन वजनी और एक छोटी कार के आकार वाले इस टेलीस्कोप के बारे में कहा जा रहा है कि यह कॉस्मोस के ऐसे नजारे सामने लाएगा जैसे पहले कभी नहीं देखे गए। इसमें लगा 80 करोड़ डॉलर (लगभग 6678 करोड़ रुपये) कीमत का कैमरा साल 2025 की शुरुआत में पहली तस्वीर क्लिक करेगा। यह मशीन हर तीन दिन पर पूरे आसमान को स्कैन करेगी। इससे वैज्ञानिकों को गैलेक्टिक एनालिसिस करने में बड़ी मदद मिल सकेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ऐसी प्रक्रिया की शुरुआत होगी जो हमें बेहद रोचक परिणाम की दिशा में ले जा सकती है। साइंस वर्ल्ड के लिए नए ग्रह की खोज बेहद अहम होगी।