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दुनिया में फैल रही नई बीमारी... अफ्रीका में हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान, क्या हैं इसके लक्षण?

Public Health Emergency In Africa: अफ्रीकी संघ के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने एमपॉक्स (Mpox) के प्रकोप के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इसकी चपेट में अब तक लगभग 15,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, और 461 मौतें दर्ज की गई हैं।

Public Health Emergency In Africa: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपातकालीन समिति की बैठक में चल रहे एमपॉक्स प्रकोप पर चर्चा करने के लिए समय निर्धारित किया गया है। एमपॉक्स की जद में अब तक 116 आ चुके हैं। 2022 में ये बीमारी सामने आई थी जो खत्म होने के बजाय बढ़ती जा रही है। हाल ही में वैश्विक स्तर पर इसके मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह पश्चिम, मध्य और पूर्वी अफ्रीकी देशों में ज्यादा फैल रहा है, साथ ही अमेरिका और यूरोप में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।

क्या है एमपॉक्स?

एमपॉक्स का नाम सुनने में थोड़ा नया लगेगा लेकिन ये वही है जिसे आप मंकीपॉक्स के नाम से जानते हैं। ये बीमारी वायरस की तरह फैलती है, जो देखने में चेचक जैसी ही लगती है। एमपॉक्स ज्यादातर अफ्रीकी देशों में होती है। अब इसका खतरा कई देशों तक जा पहुंचा है। आमतौर पर इसमें बुखार और ठंड लगने जैसे लक्षण ही दिखाई देते हैं. लेकिन ये काफी खतरनाक होता है जिसके एक दाने को ही ठीक होने में कई हफ्तों का समय लग जाता है।

कई देशों में फैल रही महामारी

इन दिनों एमपॉक्स का कहर दुनियाभर के कई अफ्रीकी देशों में देखा गया है। इसमें सबसे ज्यादा असर कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में देखा गया है। इसके साथ ही अमेरिका ने इसकी मदद के लिए 17 मिलियन डॉलर दिए हैं। इसकी वजह से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, इसी को देखते हुए अफ़्रीकी संघ के स्वास्थ्य प्राधिकरण ने महाद्वीप पर पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी का ऐलान कर दिया है।

Africa CDC के प्रमुख जीन कासिया ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "भारी मन से लेकिन अपने लोगों के स्वास्थय को ध्यान में रखते हुए हम महाद्वीप पर पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी लगाने का ऐलान करते हैं।''

कितने लोग हुए प्रभावित

इस साल अफ्रीका में एमपॉक्स के 15,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, वहीं इससे अब तक 461 मौतों की रिपोर्ट की गई हैं। इसमें 18 देशों के मामले शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफ्रीकी महाद्वीप को लगभग 10 मिलियन से ज्यादा वैक्सीन की जरूरत है, जबकि उनके पास केवल 200,000 ही मौजूद हैं। जीन कासिया का कहना है कि वैक्सीन की मात्रा को बढ़ाने के लिए अब तेजी से काम किया जाएगा।"

कासिया ने इसे दूसरे देशों के लिए एक चेतावनी कहा, उन्होंने बताया "यह घोषणा कोई औपचारिकता नहीं है, बल्कि इस जानलेवा बीमारी को रोकने और खत्म करने के अपने प्रयासों में सक्रियता लाएं और ज्यादा आक्रामक होने की जरूरत है।"

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