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1982 से लगातार ट्रांसमिट हो रहा रेडियो सिग्नल! अब भी नहीं खुल पाया रहस्य, वैज्ञानिक हैरान

Russia Mysterious Radio Signal: दुनिया के कई देशों में रेडियो सिग्नल प्रसारित किए जाते हैं। मगर रूस में दशकों से एक रहस्यमयी रेडियो सिग्नल प्रसारित हो रहा है। ये सिग्नल कौन और कहां से प्रसारित करता है? कोई नहीं जानता।
09:17 AM Jul 29, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Russia Mysterious Radio Signal: डिजिटल मीडिया के जमाने में भी कई लोग रेडियो सुनना पसंद करते हैं। रेडियो सिग्नल्स की खासियत है कि वो दूर-दराज के इलाकों में भी आसानी से पहुंच जाते हैं। हालांकि रूस में पिछले चार दशकों से एक रहस्यमयी रेडियो सिग्नल प्रसारित हो रहा है, जिसकी वजह आज भी कई लोगों के लिए सस्पेंस बनी हुई है।

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एलियन से होती है सीधी बात?

इस रेडियो सिग्नल को लेकर कई अलग-अलग थ्योरियां सामने आईं हैं। कुछ लोगों के अनुसार ये सिग्नल्स खुफिया एजेंट्स के लिए होते हैं। वहीं कई लोगों का कहना है कि इस सिग्नल्स की मदद से रूसी वैज्ञानिक एलियन्स से बात करते हैं। मगर सच तो ये है कि कोई नहीं जानता वास्तव में ये सिग्नल कहां से आते हैं और इनका मकसद क्या है? इसे लेकर एक तीसरी थ्योरी भी है, जिसे सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे।

कोल्ड वॉर से है कनेक्शन?

तीसरी थ्योरी का कनेक्शन रूस और अमेरिका के बीच होने वाली कोल्ड वॉर से है। रिपोर्ट्स की मानें तो 1970 के दशक में इस सिग्नल से बीप और बजर बजने जैसी आवाजें आती थीं। हालांकि ये सिग्नल कौन-किसके पास भेज रहा था? ये कोई नहीं जानता है। कई जानकारों का कहना है कि कोल्ड वॉर के दौरान इसे शुरू किया गया था। इस रेडियो सिग्नल में पहले बीप की आवाज आई और फिर बजर बजने लगा। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि 1990 के दशक में ये रेडियो सिग्नल रूसी सेना के पोवारोवो बेस से प्रसारित हो रहा था। मगर 2010 में ये पूरी तरह से शांत हो गया।

एक्सपर्ट्स ने किया दौरा

2010 में इस सिग्नल की लोकेशन बदल गई, जिसे ट्रैक करना लगभग नामुमकिन हो गया। साल 2000 के दशक में जब कुछ एक्सपर्ट्स ने पोवारोवो साइट का दौरा किया तो वहां एक गार्ड डॉग के अलावा कुछ नहीं मिला। वहां एक एंट्री बुक भी रखी थी, जिसे देखकर पता चला कि 90 मिनट पहले ही इस जगह को खाली कर दिया गया था। ये रेडियो सिग्नल आज भी रूस के लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है। कई लोगों ने इसका सच जानने की कोशिश की।

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रूसी सेना का रहस्य?

एक्सपर्ट डेविड स्टपल्स का कहना है कि ये सिग्नल रूसी सरकार की तरफ से भेजे जा रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर सचमुच रूसी सरकार ये सिग्नल भेजती है, तो जाहिर है कि वो शांतिपूर्ण चीजों के लिए नहीं होगा। मुमकिन है कि युद्ध के दौरान इन सिग्नल्स का इस्तेमाल किया जाएगा।

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