20 की उम्र में लगा मर्डर का आरोप, जेल में काटे 43 साल; अब साबित हुई बेगुनाही
Sandra Hemme freed after 43 years in Prison: अपराधियों को सजा देना अच्छी बात है। मगर बिना गुनाह के आधी उम्र जेल में काटना किसी भयावह अनुभव से कम नहीं है। इसी कड़ी में एक नाम है सैंड्रा हेम्मे का। 64 वर्षीय सैंड्रा 43 साल तक सलाखों के पीछ रही हैं। वो भी उस गुनाह के लिए, जो उन्होंने कभी किया ही नहीं। 20 साल की उम्र में सैंड्रा को एक मर्डर केस में दोषी पाया गया था। अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई और सैंड्रा को 43 साल जेल में काटने पड़े।
मर्डर केस में मिली उम्रकैद की सजा
अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी महिला को गलत तरीके से दोषी ठहराते हुए इतने सालों तक जेल में रखा गया। दरअसल ये कहानी 1980 की है। उस दौरान सैंड्रा 20 साल की थीं। सैंट जोसेफ मिसौरी की लाइब्रेरी वर्कर पैट्रिशिया जेस्चके की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने सैंड्रा को इस हत्याकांड का दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
कोर्ट ने किया रिहा
सैंड्रा को अब जेल से रिहा कर दिया गया है। बेशक सैंड्रा सलाखों के पीछे नहीं हैं लेकिन उनके केस की अभी भी जांच चल रही है। सर्किट कोर्ट के जज रयान हॉर्समैन ने 14 जून 2024 को 118 पन्नों के फैसले में सैंड्रा को रिहाई दे दी। इस फैसले के अनुसार हेम्मे के वकील के पास उनकी बेगुनाही के सबूत हैं। इन सबूतों को उस दौरान कोर्ट में पेश नहीं किया गया था।
कौन था असली दोषी?
केस की समीक्षा में सामने आया कि मर्डर के दौरान पुलिस ने कई सबूतों को नजरअंदाज कर दिया था। वो सबूत उन्हीं के ऑफिसर माइकल होलमैन की तरफ इशारा कर रहे थे। बाद में माइकल को एक दूसरे मर्डर केस में जेल भेजा गया था और 2015 में उनकी मौत हो गई। होलमैन के घर में जेस्चके की सोने की बालियां भी पाई गई थीं। अदालत का कहना था कि फॉरेंसिक सबूत भी हेम्मे को इस हत्याकांड से नहीं जोड़ते हैं। उनका कोई मकसद नहीं था और ना ही किसी गवाह ने उनके खिलाफ बयान दिया था।
पिता से मिलने अस्पताल जाएंगी सैंड्रा
सैंड्रा हेम्मे शुक्रवार को जेल से बाहर आ गई हैं। जेल के नजदीक स्थित एक पार्क में हेम्मे की मुलाकात उनकी बहन, बेटी और पोती से हुई। खबरों की मानें तो हेम्मे अब अपनी बहन के साथ ही रहेंगी। सैंड्रा हेम्मे के पिता अस्पताल में भर्ती हैं। वो जल्द ही अपने पिता से मिलने हॉस्पिटल जाएंगी।
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