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सऊदी अरब ने इस साल 100 से ज्यादा विदेशियों को क्यों दी मौत की सजा?

World News in Hindi: सऊदी अरब में इस साल 100 से ज्यादा विदेशी लोगों को फांसी की सजा दी गई है। सऊदी अरब दुनिया का ऐसा देश है, जहां पर सबसे सख्त कानून लागू हैं। अपने कानूनों की वजह से कई बार सऊदी अरब को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
06:01 PM Nov 18, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Saudi Arabia News: सऊदी अरब के कानून दुनिया में सबसे सख्त माने जाते हैं। एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार सऊदी अरब में इस साल 100 से अधिक विदेशी लोगों को मौत की सजा देने का जिक्र है। एएफपी ने एक मानव अधिकार संगठन की रिपोर्ट के आधार पर इसका खुलासा किया है। 16 नवंबर को ही सऊदी अरब में एक यमनी नागरिक को फांसी दी गई है। इस नागरिक के खिलाफ ड्रग्स तस्करी के आरोप थे। जिसे दक्षिण-पश्चिमी इलाके के नजरान में फंदे पर लटका दिया गया। जिसके बाद अब तक 101 लोगों को सऊदी अरब में मौत की सजा दी जा चुकी है।

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पिछले तीन साल की बात करें तो यह आंकड़ा तीन गुना तक अधिक है। 2022 और 2023 में 34 विदेशी लोगों को मौत की सजा दी गई थी। यूरोपियन-सऊदी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ESOHR) के अनुसार अब तक सजा की यह सबसे अधिक संख्या है। ESOHR के कानूनी निदेशक ताहा अल हज्जी के अनुसार पहली बार सऊदी अरब ने एक साल में इतने विदेशियों को मौत की सजा दी है।

सऊदी अरब में कड़े कानून

बता दें कि सऊदी अरब को अपने कड़े कानूनों की वजह से कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। अमनेस्टी इंटरनेशल की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में चीन और ईरान ने सबसे अधिक विदेशियों को मौत की सजा सुनाई थी। सऊदी अरब का नंबर तीसरा था। एएफपी ने सितंबर माह में भी रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें जिक्र किया गया था कि सऊदी अरब में 2022 तक 196 विदेशी लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है। पिछले तीन दशक में यह आंकड़ा सबसे अधिक है।

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2024 में जिन विदेशी लोगों को फांसी दी गई, उनमें अधिकतर नागरिक यमन, पाकिस्तान, नाइजीरिया, सीरिया, मिस्र, इथियोपिया और जॉर्डन के हैं। ESOHR की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी लोगों को सऊदी अरब में न्याय पाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। विदेशी लोग बड़े तस्करों के जाल में फंस जाते हैं। इसके बाद उनको अपने खिलाफ केस में कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है। 2022 में सऊदी अरब ने ड्रग्स मामलों में फांसी की सजा पा चुके लोगों के लिए और सख्त कानून लागू किया था। फांसी की सजा पर तीन साल का प्रतिबंध समाप्त कर दिया था। जिसके कारण ही मौत की सजा के मामले बढ़े हैं, ऐसा माना जा रहा है।

69 लोगों को ड्रग्स मामलों में सजा

अब तक 92 ड्रग्स मामलों में फांसी की सजा इस साल दी जा चुकी है, जिसमें 69 विदेशी लोग हैं। 32 अन्य विदेशियों को हत्या और दूसरे मामलों में लटकाया गया है। मिडिल ईस्ट के एनजीओ रिप्राइव ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है। एनजीओ प्रमुख जीड बैस्यूनी ने कहा कि सऊदी अरब में गए विदेशी नागरिकों के परिवारों में डर और चिंता है। वे सोच रहे हैं कि उनके परिजन को कभी भी मौत की सजा दी जा सकती है। इस साल पाकिस्तान के 21, यमन के 20, सीरिया के 14, नाइजीरिया के 10, मिस्र के 9, जॉर्डन के 8 और इथियोपिया के 7 लोगों को फांसी दी गई है। वहीं, सूडान, भारत और अफगानिस्तान के 3-3, श्रीलंका, इरिट्रिया और फिलीपींस के 1-1 व्यक्ति को फंदे पर लटकाया गया है।

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