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South Korea में महिलाएं क्यों नहीं शादी को राजी? जान लीजिए वजह

World News in Hindi: साउथ कोरिया इस समय अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। जन्म दर में गिरावट के चलते यहां लैंगिक असमानता की दर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका कारण क्या है, विस्तार से इसके बारे में जान लेते हैं?
10:51 PM Dec 01, 2024 IST | Parmod chaudhary
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World Latest News: दक्षिण कोरिया में इस समय जन्म दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह देश प्रजनन संबंधी गंभीर दिक्कतों का सामना कर रहा है। सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी महिलाएं शादी को राजी नहीं हैं। वे फैमिली के बजाय करियर बनाने को प्राथमिकता दे रही हैं। अगर यही हाल रहा तो ये देश दुनिया से गायब हो सकता है। साउथ कोरिया पहला देश होगा, जिसका पृथ्वी से अस्तित्व मिट जाएगा!

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किसी समय यह देश अपने आधुनिकीकरण और तेजी से हो रहे आर्थिक विकास को लेकर उदाहरण बन चुका था। लेकिन आज के समय में गंभीर लैंगिक असमानता और सामाजिक-आर्थिक दबाव से जूझ रहा है। इस देश में फिलहाल जन्म दर में इतनी गिरावट आ गई है कि सदी के अंत तक इसकी आबादी मौजूदा आकार से एक तिहाई तक सिमट जाएगी। इसके पीछे और भी कारण हैं।

1960 के बाद से घट रही जन्म दर

ET की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार नियोजन नीति की शुरुआत के कारण प्रजनन दर में चिंताजनक गिरावट शुरू हुई थी। सरकार ने जनसंख्या वृद्धि को पहले गंभीर तौर पर लिया। आर्थिक विकास के बजाय जन्म दर कम करने के उपाय किए गए। 1960 के दशक में उस समय प्रति व्यक्ति आय वैश्विक औसत का सिर्फ 20 फीसदी थी। आंकड़ों के अनुसार एक महिला तब 6 बच्चों को जन्म देती थी। 1982 तक अर्थव्यवस्था में तेजी आई, लेकिन जन्म दर में 2.4 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।

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1983 में प्रजनन दर सिर्फ 2.1 फीसदी रह गई। इसके बाद यह तेजी से गिर रही है। अनुमान के मुताबिक दक्षिण कोरिया की आबादी फिलहाल 52 मिलियन (5.2 करोड़) है। जो सदी के अंत तक सिर्फ 17 मिलियन (1.7 करोड़) रह जाएगी। हाल ऐसा ही रहा तो यह देश 70 फीसदी आबादी खो सकता है। ऐसी स्थिति में देश की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है। जो सामाजिक चुनौतियां पैदा कर सकती हैं। सरकार जन्म दर बढ़ाने के लिए कई उपाय कर रही है। बच्चों की संभाल के लिए विदेशी कामगारों की भर्ती, टैक्स में छूट आदि लाभ दे रही है। अगर कोई पुरुष 30 साल की उम्र तक 3 बच्चे पैदा करता है तो उसे अनिवार्य तौर पर सेना में भर्ती होने से छूट है। लेकिन इसके बाद भी जन्म दर नहीं बढ़ रही।

2.5 फीसदी कपल बिना शादी पैदा करते हैं बच्चे

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाकों में महिलाएं शादी के बजाय करियर पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। 2023 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 50 फीसदी महिलाओं ने बच्चे पैदा करने को रोजगार में बाधा बताया है। इस देश में कई परिवार ऐसे हैं, जहां पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं। इसकी वजह से वे देरी से बच्चा पैदा करते हैं। कई कपल ऐसे हैं, जो शादी करते हैं, लेकिन बच्चा पैदा करना जरूरी नहीं समझते। पिछले एक दशक में 35 फीसदी लोग ऐसे सामने आए हैं, जो बिना शादी बच्चा पैदा करने के इच्छुक मिले हैं। 10 साल पहले ये 22 फीसदी थे। असलियत में दक्षिण कोरिया में 2.5 फीसदी कपल ही बिना शादी बच्चा पैदा करते हैं।

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जो महिलाएं शादी करती हैं, उनको लगता है कि वे घरेलू जिम्मेदारी ज्यादा संभालें, ये उम्मीद परिवार के लोग करते हैं। 92% नौकरी करने वाली महिलाएं सप्ताह में अपने घरेलू काम करती हैं। जबकि पुरुष 61 फीसदी ही ऐसा करते हैं। 2024 का एक सर्वे सामने आया है। जिसमें पता लगा है कि एक तिहाई महिलाएं शादी के लिए राजी नहीं हैं। 93% महिलाओं ने घरेलू काम और बच्चे पैदा करने को खुद पर बोझ माना है।

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