दुनिया के किसी भी कोने से पहुंचना आसान, चीन और भारत पर काबिज होने का रास्ता; जानें St. Martin Island के पीछे क्यों पड़ा है अमेरिका?
Why St. Martin Island important to America: बांग्लादेश का सेंट मार्टिन आइलैंड महज 9 KM के दायरे में फैला है। एक तरफ बंगाल की खाड़ी और दूसरी तरफ से पानी से घिरे इस छोटे से द्वीप में आखिर ऐसा क्या है? जो अमेरिका इसे अपने कब्जे में लेने के लिए षडयंत्र रच रहा है। दरअसल, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा रविवार को जारी उस बयान से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनकी सरकार को कुछ नहीं होता अगर वह बांग्लादेश की संप्रभुता के साथ समझौता कर लेतीं और बंगाल की खाड़ी में सेंट मार्टिन आइलैंड अमेरिका को सौंप देतीं।
अमेरिका यहां बनाना चाहता है एयरबेस
दरअसल, सेंट मार्टिन आईलैंड की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जहां दुनिया के किसी भी कोने से समुद्र मार्ग से पहुंचना आसान है। भौगोलिक जानकारों की मानें तो इस आईलैंड से बंगाल की खाड़ी और आसपास के पूरे समुद्री इलाके पर निगरानी रखाना बेहद आसान है। यही वजह है कि अमेरिका यहां पर अपना एयरबेस बनाना चाहता है।
आईलैंड पर 9 गांव और 3 हजार की आबादी
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो भारत और चीन दोनों देश आर्थिक और व्यापारिक रूप से दुनिया पर अपना प्रभाव रखते हैं। लेकिन अमेरिका विश्व में इन दोनों देशों से ऊपर अपना दबदबा कायम रखना चाहता है। अब अमेरिका को ऐसी जगह चाहिए जहां से इन दोनों देशों पर नजर रखना और कंट्रोल करना आसान हो, यही वजह है कि वह बांग्लादेश के इस सेंट मार्टिन द्वीप पर अपना कब्जा चाहता है। बता दें फिलहाल सेंट मार्टिन यूनियन परिषद इस आईलैंड पर प्रशासनिक काम देखता है। इस द्वीप पर कुल 9 गांव हैं और इनमें करीब 3700 लोग रहते हैं। यहां मछली, चावल और नारियल मिलता है। जियो-पॉलिटिक्स के हिसाब से ये महत्वपूर्ण जगह है।
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