होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

धरती की ओर तेजी से आ रहा विशाल Asteroid, 65000 Km प्रतिघंटा रफ्तार, NASA ने जारी की वॉर्निंग

2024 MT1 Asteroid Near Earth: धरती के करीब एक विशाल उल्कापिंड तेजी से बढ़ रहा है। नासा की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि इसका आकार स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के समान है। 260 फीट व्यास वाला ये उल्कापिंड अगर धरती पर गिरा तो महाविनाश हो सकता है। हालांकि वैज्ञानिकों ने ऐसा न होने की बात कही है।
04:30 PM Jul 06, 2024 IST | Parmod chaudhary
Advertisement

2024 MT1 Asteroid: नासा की ओर से चेतावनी जारी की गई है कि अंतरिक्ष से एक बड़ा खतरा धरती की ओर तेजी से आ रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक विशाल उल्कापिंड 65215 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। इस उल्कापिंड का नाम 2024 MT-1 है। इसका व्यास लगभग 260 फीट है। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर यह इसी गति से बढ़ता रहा तो 8 जुलाई को पृथ्वी के सबसे करीब पहुंच जाएगा। नासा को क्षुद्रग्रह 2024 MT1 के बारे में पता अपने नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम से लगा है। पहली बार नासा ने ऐसा कार्यक्रम करवाया है, जो पृथ्वी के करीब आने वाले उल्कापिंडों और धूमकेतुओं को ट्रैक करता है।

Advertisement

फिलहाल धरती के टकराने के आसार नहीं

इनकी निगरानी के लिए रडार प्रणाली और दूरबीनों का सहारा लिया जाता है। पहली बार जब इस उल्कापिंड को ट्रैक किया गया तो मामला चिंताजनक लगा। लेकिन जल्द पता लग गया कि इसके फिलहाल धरती से टकराने के आसार नहीं हैं। JPL (नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री) ने इसके पथ की कड़ी निगरानी की, जिसके बाद चिंता कम हुई। जेपीएल का एस्टेरॉयड वॉच डैशबोर्ड उल्कापिंडों की स्पीड, स्थिति और धरती से दूरी के बारे में रियल टाइम डाटा मुहैया करवाया है।

यह भी पढ़ें:अंतरिक्ष से कैमरे में कैद हुआ कुदरत का करिश्मा, ISS ने दिखाई पृथ्वी के ‘लाइट शो’ की झलक

Advertisement

जेपीएल को उम्मीद है कि ये उल्कापिंड पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यह चांद और धरती की दूरी से लगभग चार गुना अधिक है। अगर ऐसे उल्कापिंड धरती से टकरा जाएं तो काफी खतरनाक हो सकता है। टकराने के बाद विस्फोट, आग या सुनामी आने जैसी स्थिति बन सकती है। नासा ने ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए ग्रह रक्षा समन्वय कार्यालय (PDCO) का गठन किया है। जो निरंतर ऐसे मामलों में काम करता रहता है। नासा उल्कापिंडों और दूसरे खतरों से निपटने के लिए लगातार मिशन चलाता रहता है। सितंबर 2022 में डिमोफोर्स नाम के उल्कापिंड से नासा ने अपना अंतरिक्ष यान भी टकराया था।

यह भी पढ़ें:16वें साल में बनी मां, PM संग 36 का आंकड़ा, एंजेला रेनर कौन? जो बनीं ब्रिटेन की नई डिप्टी PM

Open in App
Advertisement
Tags :
NASA ISRO
Advertisement
Advertisement